सीजफायर भंग, राजस्थान, पंजाब, गुजरात में हटाई गई पाबंदियां दोबारा लागू, पंजाब में अलर्ट
पठानकोट। पंजाब के पाकिस्तान से सटे बॉर्डर पर भी सीजफायर हो गया , लेकिन कुछ ही समय में पाकिस्तान ने दोबारा हमले शुरू कर दिए। शनिवार सुबह पाकिस्तान ने पठानकोट पर हमला किया था। जालंधर, रोपड़, कपूरथला, बरनाला और अमृतसर से ब्लैकआउट समेत बाकी पाबंदियां हटा ली गई हैं। पाकिस्तान ने सैन्य ठिकानों से लेकर रिहायशी क्षेत्रों तक को निशाना बनाया। मगर, आर्मी के एयर डिफेंस सिस्टम ने हर हमला नाकाम कर दिया। पाकिस्तान ने तीन दिन में पंजाब के 12 जिलों में अटैक किया, जिनमें छह बॉर्डर जिले अमृतसर, पठानकोट, फिरोजपुर, फाजिल्का, गुरदासपुर और तरनतारन हैं। वहीं बठिंडा, जालंधर, मानसा, कपूरथला, लुधियाना और होशियारपुर में हवाई हमले किए। पाकिस्तान ने इन जिलों में ड्रोन और रॉकेट के अलावा मिसाइलें दागी।भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर रात होते-होते औचित्यहीन हो गया और बार्डर पर फिर युद्ध जैसे हालात बन गए। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि सीजफायर शाम पांच बजे से लागू है। उन्होंने कहा कि अब दोनों देश जमीन, आकाश और समुद्र से एक-दूसरे पर हमला नहीं करेंगे। सीजफायर की खबर सामने आने के बाद राजस्थान, पंजाब और गुजरात में ब्लैकआउट खत्म कर दिया गया, लेकिन कुछ ही समय के बाद पाकिस्तान की ओर से दोबारा हमले शुरू कर दिए गए, जिसके चलते राज्यों में ब्लैकआउट समेत सभी बंदिशें दोबारा लागू कर दी गईं। हालांकि नौ राज्यों के 32 एयरपोट्र्स, जिन्हें पहले 15 मई तक बंद करने का फैसला लिया गया था। उनके दोबारा खोले जाने का फैसला अभी बाकी है।जैसलमेर,
पोखरण में धमाकों की आवाज
जेसलमेर। भारत पाकिस्तान में जंग वाले हालातों के बीच राजस्थान में फिर एक बार धमाकों की आवास सुनी गई। जानकारी के मुताबिक शनिवार दोपहर राजस्थान के जैसलमेर, फलौदी और पोखरण क्षेत्रों के आसपास संदिग्ध ड्रोन गतिविधि देखी गई, जिसके बाद धमाकों की तेज आवाज भी आई है। राजस्थान के सीमावर्ती जिलों जैसलमेर, फालोदी और पोखरण में शनिवार दोपहर ड्रोन गतिविधि देखे जाने और लगातार हो रहे धमाकों की खबर से प्रशासन और सुरक्षा बल पूरी तरह सतर्क रहे और आम जनता से घरों में ही रहने की अपील की गई। सुरक्षा बलों ने पुष्टि की है कि सीमा के पास कुछ गतिविधि देखी गई है, हालांकि इसकी आधिकारिक पुष्टि या विस्तार से विवरण अब तक सामने नहीं आया है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए राजस्थान के कई जिलों में पहले से ही हाई अलर्ट जारी किया गया था।