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कालाअंब में अवैध रूप से शराब बना रहा उद्योग सील, शराब की 230 पेटियां सीज

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राज्य कर एवं आबकारी विभाग ने औद्योगिक क्षेत्र कालाअंब में बंद उद्योग में अवैध रूप से शराब बनाने का भंड़ाफोड़ किया है। विभाग की 9 सदस्यीय टीम ने शनिवार मध्य रात्रि कार्रवाई को अंजाम देते हुए भारी मात्रा में शराब की पेटियां, लाखों लेबल और ढक्कन सीज किए हैं। इसके अलावा 4500 बल्क लीटर अतिरिक्त एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (ईएनए) बरामद किया है। एडिशनल कमिश्नर इन्फोर्समेंट राज्य कर एवं आबकारी यूएस राणा ने नाहन में पत्रकार वार्ता में बताया कि विभाग की टीम ने त्रिलोक संस ब्रेवरी एंड डिस्टलरी उद्योग में रात करीब 1:30 बजे दबिश दी। इस दौरान वहां पर रॉयल ब्लू शराब की बाॅटलिंग की जा रही थी। इसके लेबल के ऊपर सेल इन उत्तराखंड लिखा था। टीम ने जब रिकाॅर्ड को चेक किया तो उसके पास शराब बनाने की अनुमति नहीं मिली। बॉटलिंग कार्य में करीब 22 कामगार लगे थे। उनका पंजीकरण भी वैद्य नहीं था।टीम ने रॉयल ब्लू की 230 पेटियां सीज कीं। इसके अलावा ड्राईजीन मैन्यूफेक्चर इन रुद्रपुर उत्तराखंड के 395000 पाए गए लेबल भी सीज किए गए। उन्होंने बताया कि टीम ने शिवालिक वेबरेज चंडीगढ़ एक्साइज के 22 हजार ढक्कन, 4500 बल्क लीटर अतिरिक्त एक्स्ट्रा न्यूट्रल अल्कोहल (इएनए) और उद्योग परिसर में खड़े कैंटर से 41 हजार प्लास्टिक पैक बोतल भी बरामद की। इसके अलावा रिकाॅर्ड चेक करने पर देसी शराब के 2100 और अंग्रेजी के 1100 केस अतिरिक्त पाए गए, जिन्हें सीज कर दिया गया है। उद्योग प्रबंधन के खिलाफ कालाअंब थाना में शिकायत दर्ज करवाई गई है।

विभाग की कार्यप्रणाली पर उठे सवाल
उन्होंने कहा कि विभाग जांच में पता करेगा शराब बनाने के लिए मेटिरियल कहां से, किसकी अनुमति से और तैयार माल कहां-कहां भेजा जा रहा था। निरीक्षण टीम में सहायक आयुक्त अमन सोफत, कुलदीप कुमार, सचिन, एसटीईओ मनोज सहगल और रुपिंद्र सिंह आदि शामिल रहे। एडिशनल कमिश्नर इन्फोर्समेंट राज्य कर एवं आबकारी यूएस राणा ने बताया कि उन्हें बीते कुछ दिनों से कालाअंब के एक उद्योग में अवैध रूप से शराब बनाने की शिकायतें मिल रही थीं। इस पर राज्य टीम ने कार्रवाई की। ऐसे में स्थानीय स्तर पर विभाग की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक बीते जनवरी से उद्योग बंद बताया जा रहा है। इसके बावजूद इतनी बड़ी मात्रा में अवैध शराब, लेबल व ईएनए पकड़ा जाना सवाल खड़े कर रहा है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक