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शिलाई : हैंडबॉल से पाई राष्ट्रीय पहचान, दो लड़कियों का BSF में चयन

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हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला के शिलाई उपमंडल के मस्त भोज इलाके के पभार गांव की होनहार बेटियां अंजली ठाकुर और पायल ठाकुर ने बीएसएफ (Border Security Force) में कांस्टेबल (GD) रैंक हासिल किया है। लड़कियों ने हैंडबॉल स्पोर्ट्स कोटे के तहत चयनित क्षेत्र को गौरवान्वित किया है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि कठिन परिस्थितियों में भी निरंतर मेहनत और समर्पण से मंज़िल हासिल की जा सकती है।

    दोनों बेटियां अत्यंत साधारण और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों से ताल्लुक रखती हैं। उनकी खेल यात्रा की शुरुआत वर्ष 2013 में राजकीय माध्यमिक पाठशाला पभार से हुई थी। उस समय स्कूल में कार्यरत शारीरिक शिक्षक धर्मेंद्र चौधरी के मार्गदर्शन में अंजली और पायल ने हैंडबॉल खेलना शुरू किया।2016 तक राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं में भाग लिया। इसके बाद बिलासपुर स्थित मोर सिंगी हैंडबॉल नर्सरी में कोच स्नेहलता और सचिन चौधरी के मार्गदर्शन में खेल को निखारा। प्रशिक्षण और मेहनत का परिणाम यह रहा कि ये बेटियां न सिर्फ स्कूल और ओपन प्रतियोगिताओं में हिमाचल प्रदेश के लिए कई मेडल जीत चुकी हैं, बल्कि भारत का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी प्रतिनिधित्व कर चुकी हैं।

अंजली और पायल के चयन से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। उनके चाचा विकेश चौहान (फॉरेस्ट गार्ड), वचन चौहान (जेबीटी शिक्षक) ने बताया कि जब गांव में खेल के लिए मैदान तक नहीं था,तब इन बेटियों ने राष्ट्रीय स्तर पर खेलकर एक उदाहरण पेश किया। अंजली के पिता अनिल चौहान और पायल के पिता गोपाल ने कहा कि बेटियों की इस उपलब्धि पर वे गर्व महसूस कर रहे हैं और इसका श्रेय स्कूल के शिक्षकों व कोच को देते हैं, जिन्होंने कठिन परिस्थितियों में भी उनका साथ दिया।

 

 पंचायत प्रधान सुरेश कुमार और वार्ड सदस्य जामना देवी ने बेटियों के चयन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए उनके माता-पिता और कोचों को बधाई दी है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक