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तीन हफ्तों से गुम है मां…मासूम आंखों में एक सवाल : कब लौटेगी?

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हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले के गिरिपार क्षेत्र की बकरास पंचायत के पिंजवाणा गांव से 22 वर्षीय विवाहित महिला शीतल बीते तीन हफ्तों से रहस्यमयी हालात में लापता है। परिजनों ने 4 अप्रैल को शिलाई थाने में उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज करवाई थी, लेकिन इतने दिन बीत जाने के बावजूद पुलिस को अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है।लापता महिला अपने पीछे दो मासूम बच्चों को छोड़ गई है जिसमें से एक की उम्र केवल छह महीने है, जबकि दूसरा बच्चा महज दो साल का है। मासूम बच्चों की देखभाल अपंग उनकी दादी शूपी देवी कर रही हैं। दादी भी मानसिक और भावनात्मक रूप से बेहद परेशान हैं।

परिवार ने पुलिस व प्रशासन से कई बार मदद की गुहार लगाई, लेकिन अब तक नतीजा शून्य रहा है। परिजनों का कहना है कि अगर शीतल स्वेच्छा से कहीं गई भी है, तो कम से कम उन्हें कोई खबर तो मिले, ताकि वो उसे तलाशना बंद कर सकें और बच्चों को मानसिक शांति मिल सके।

 

    अनुसूचित जाति से संबंध रखने वाला यह परिवार अब सामाजिक न्याय की भी गुहार लगा रहा है। परिजनों का कहना है कि उन्हें महसूस हो रहा है जैसे प्रशासन उनकी आवाज़ को गंभीरता से नहीं ले रहा। यही कारण है कि अब उन्होंने सोशल मीडिया के ज़रिए जनता से मदद की अपील की है। परिवार की भावुक अपील है कि यदि शीतल स्वयं यह समाचार पढ़ रही है, तो उससे गुज़ारिश है कि मासूम बच्चों की खातिर वापस लौट आएं, या कम से कम अपने बारे में कोई सूचना दे दें ताकि परिवार सुकून से जी सके।

     यह भी जानकारी मिली है कि मामला संज्ञान में आने के बाद उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने पुलिस अधिकारियों से इस संबंध में उचित कार्रवाई करने को लेकर बातचीत की है।

 

       परिवार की ओर से शीतल के पति काकू राम ने अपील की है कि यदि किसी को भी शीतल के बारे में कोई जानकारी मिले, तो मोबाइल नंबर 9805372171 पर तुरंत संपर्क करें। उनका कहना है कि उन्हें बस यह जानना है कि शीतल सुरक्षित है या नहीं — ताकि बच्चों की आंखों से माँ के लिए रोज़ बहने वाले आंसुओं को थामा जा सके। बहरहाल,आपसे आग्रह है कि इस मानवीय संकट में आगे आएं और संभव हो तो लापता महिला की तलाश में मदद करें। आपकी एक छोटी-सी सूचना दो मासूमों की जिंदगी बदल सकती है।

पावंटा साहिब के डीएसपी मानवेंद्र ठाकुर ने बताया कि साइबर सेल को केस सौंपा गया है। उन्होंने कहा कि डिजिटल फुट प्रिंट की बदौलत लापता महिला तक पहुंचने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने जल्द ही परिणाम मिलने की उम्मीद जाहिर की है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक