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चिट्टे के लेनदेन से जुड़े 20 हजार बैंक खातों को खंगाल रही हिमाचल पुलिस, बड़ी कार्रवाई की तैयारी

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हिमाचल पुलिस चिट्टे के लेनदेन से जुड़े 20 हजार बैंक खातों को खंगाल रही है। पुलिस ने आरोपियों के बैंक खातों, आधार नंबर और मोबाइल नंबर का ब्योरा कई बैंकों को भेजा है। इन बैंक खातों से बीते तीन वर्षों में हुए बड़े लेनदेन की जानकारी मांगी गई है। चिट्टे के मामलों में गिरफ्तार आरोपियों के माध्यम से अब तस्करों तक पहुंचने की योजना के तहत यह कार्रवाई की जा रही है।पुलिस के उच्च अधिकारियों ने बताया कि अभी तक चिट्टे के आरोप में पकड़े गए कई आरोपियों के बैंक खातों की जांच के लिए विशेष अभियान चलाया गया है। इसके तहत पता लगाया जा रहा है कि इन्होंने किस-किस से लेनदेन किया है। संदिग्ध खातों की सूची अलग से बनाई जा रही है, जिसके आधार पर आगामी दिनों में बड़ी कार्रवाई की जाएगी। चिट्टा तस्करी के मामलों में गिरफ्तार आरोपियों के बैंक खाते खंगालने के लिए पुलिस ने बैंकों को पत्र लिखकर आरोपियों के खातों का रिकॉर्ड मांगा है.।

पुलिस पता लगाने की कोशिश कर रही है कि नशा बेचकर इन आरोपियों ने कितनी कमाई की है। कहां-कहां इनके तार जुड़े हैं। बैंकों का रिकॉर्ड मिलने के बाद इन मामलों में आगामी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। पुलिस इस तरह के मामलों में मुख्य सप्लायरों की तलाश कर रही है, ताकि नशा तस्करों के गिरोह की कमर तोड़ी जा सके। अभी तक के मामलों में एक बात सामने आई है कि चिट्टा तस्करी के ज्यादातर तस्करों का संबंध पंजाब और दिल्ली से है। ऐसे में लेनदेन की पूरी प्रक्रिया से जुड़े दस्तावेज एकत्र कर पुलिस बड़ी कार्रवाई करने की तैयारी में है।

पुलिस मुख्यालय ने सभी राष्ट्रीय और सहकारी बैंकों को पत्र जारी कर बैंक खातों की जांच के लिए जिला पुलिस अधीक्षकों का सहयोग करने का पत्र जारी किया है। बता दें कि जिला शिमला पुलिस ने बैंक खातों की जांच कर चिट्टे की तस्करी कर रहे शाही महात्मा गैंग पर बड़ा शिकंजा कसा है। चिट्टे का कारोबार करने वाले आरोपियों के करीब पांच करोड़ रुपये के बैंक खाते भी बीते कुछ समय में सीज किए हैं। अब सभी जिलों में बैंक खातों की जांच के माध्यम से चिट्टा गिरोह पर शिकंजा कसने की कवायद शुरू की है।

बार-बार पकड़ में आ रहे आरोपी रडार पर
चिट्टा तस्करी में बार-बार पकड़ में आ रहे आरोपी पुलिस के रडार पर हैं। पुलिस ने ज्यादातर ऐसे आरोपियों के खातों की डिटेल मांगी है। कई आरोपियों के रिश्तेदारों की संपत्ति की भी जांच की जा रही है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक