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खेत समतल करते जेसीबी से गिराए पत्थर, दादी-पोती की चपेट में आने से माै..त

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हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले की नालदेहरा पंचायत के झोलो गांव के समीप जेसीबी से खेत को समतल करने के काम के दौरान पत्थरों की चपेट में आने से दादी-पोती की मौत हो गई। हादसा उस समय हुआ, जब दोनों घास काटने के लिए गईं थीं। इसी दौरान जेसीबी से पत्थर गिरने के कारण दोनों इसकी चपेट में आ गईं। इससे दोनों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। मृतकों की पहचान झोलो गांव की 70 वर्षीय गीता देवी और 21 वर्षीय वर्षा के रूप में हुई हैं। वर्षा आरकेएमवी कॉलेज में बीकॉम फाइनल की छात्रा थी। हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंची और शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए आईजीएमसी अस्पताल ले गई है।

ऐसे हुआ हादसा
जानकारी के मुताबिक घटना रविवार दोपहर करीब 1:00 बजे की बताई जा रही है, जब झोलो गांव में खेत को समतल करवाने का काम चल रहा था। गीता देवी अपनी पोती के साथ खेत से ठीक नीचे घास काटने के लिए गईं थीं। इसी दौरान जेसीबी से काम के दौरान कई बड़े पत्थर पहाड़ी से नीचे की ओर गिर गए। लोगों ने शोर मचाकर उन्हें आवाजें भी दीं, लेकिन दोनों जब तक कुछ समझ पातीं, पत्थरों की चपेट में आ गईं थीं। इससे दोनों की मौके पर ही मौत हो गई। हादसे की सूचना मिलते ही पंचायत प्रधान समेत गांव के लोग और परिजन मौके पर पहुंचे।

नाले की ओर झाड़ियों में फंस गया था शव
पोती का शव पत्थरों की चपेट में आने से नाले की ओर झाड़ियों में फंस गया था, जिसे निकालने में काफी मशक्कत करनी पड़ी। इस हादसे से परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है। पंचायत प्रधान नालदेहरा सुषमा कश्यप ने हादसे पर दुख जताते हुए बताया कि सूचना मिलते ही वह घटनास्थल पर पहुंच गईं थीं एडीशनल एसपी रतन सिंह नेगी ने बताया कि जेसीबी से पत्थर गिरने के कारण दो लोगों की मौत हुई है। पुलिस की टीम को मौके पर भेज दिया गया है। मामले की जांच के बाद इस संबंध में लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक