सरकार की घोषणा के बाद भी दीवाली पर एचआरटीसी पैंशनरों को नहीं मिली पैंशन

Spread the love

सरकार ने घोषणा की थी कि इस दीवाली पर कर्मचारियों व पैंशनरों को 28 अक्तूबर को वेतन व पैंशन दी जाएगी, लेकिन घोषणाओं के बावजूद भी एचआरटीसी पैंशनरों को न तो 28 अक्तूबर को पैंशन मिली और न ही दीवाली के बाद अभी तक पैंशन जारी हुई है, जिससे निगम के 7,500 पैंशनरों में रोष व्याप्त है। पैंशनरों ने संयुक्त बयान में कहा कि एक ओर निगम प्रबंधन दावा कर रहा है कि निगम को दीवाली के दौरान करोड़ों की कमाई हुई है।

अगर ऐसा है तो निगम पैंशनरों को पैंशन के लिए क्यों मोहताज किया जा रहा है। पथ परिवहन पैंशनर्ज कल्याण संगठन हिमाचल प्रदेश के राज्य प्रधान राजेंद्र ठाकुर, प्रदेशाध्यक्ष केसी चौहान व प्रदेश महासचिव सुरेंद्र गौतम ने कहा कि दीवाली खत्म हो गई और भाईदूज का त्यौहार भी आ गया है, लेकिन अभी तक पैंशन खातों में नहीं डाली गई है। उन्होंने कहा कि समाचार पत्रों से जानकारी मिली कि निगम को दीवाली के मौके पर करोड़ों की कमाई हुई है। यह अच्छी बात है, लेकिन उम्र के इस पड़ाव में पैंशनरों को परेशान नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अब पैंशनर्ज पैंशन को लेकर अधिक इंतजार नहीं करेंगे और आंदोलन की रणनीति तैयार करेंगे। उम्र के इस पड़ाव में प्रबंधन सड़कों पर उतरने को मजबूर कर रहा है।

निगम पैंशनरों के साथ किया गया धोखा
हिमाचल परिवहन सेवानिवृत्त कर्मचारी कल्याण मंच के प्रदेशाध्यक्ष बलरामपुरी, महामंत्री रूप चंद व प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष बृज लाल ठाकुर ने संयुक्त बयान में कहा कि प्रबंधन व सरकार ने निगम के पैंशनरों के साथ धोखा किया है। बलरामपुरी ने कहा कि न तो दीवाली से पहले पैंशन व डीए की किस्त आई और न ही दीवाली के बाद और अब भाईदूज भी आने को है, लेकिन पैंशन खातों में नहीं आई है। इससे पैंशनरों सहित उनके परिवार सदस्यों में भी रोष है। उन्होंने कहा कि एरियर की किस्त का इंतजार भी पैंशनर्ज कर रहे हैं, लेकिन वह भी सरकार जारी नहीं कर रही है। ऐसे में पैंशनरों में रोष है। उन्होंने कहा कि पैंशनरों की समस्याओं का समाधान नहीं हो रहा है, न ही वित्तीय लाभ मिल रहे हैं और न ही पैंशन। उन्होंने कहा कि यदि मांगों का हल समय नहीं हुआ तो पैंशनर कोर्ट का दरवाजा भी खटखटाने से पीछे नहीं हटेंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक