मकान में लगी भीषण आग, चार लोगों की जिंदा जलकर मौ..त

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हरियाणा के गुरुग्राम के एक मकान में भीषण आग लग गई. इस हादसे में चोर लोगों की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और चारों शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. यह हादसा सरस्वती एनक्लेव के जी ब्लॉक के एक मकान में हुआ है.

स्थानीय लोगों के मुताबिक,शुक्रवार की देर रात साढ़े 12 बजे सरस्वती एनक्लेव के जे ब्लॉक स्थित मकान में आग की लपटें उठती दिखाई दीं. अंदर से घर का दरवाजा बंद था. आशंका जताई जा रही है कि हादसे के वक्त शायद चारों कमरे में सो रहे थे, इसी वजह से उन्हें आग लगने की भनक तक नहीं लगी.

बिहार के रहने वाले थे चारों युवक

पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान कर ली गई है. चारों के नाम अमन, साहिल, नूर आलम और मोहम्मद मुश्ताक हैं. चारों दोस्त थे. अमन की उम्र 17 साल, वहीं साहिल 22 वर्ष का था. नूर आलम की उम्र 27 साल बताई जा रही है. वहीं, मोहम्मद मुश्ताक की उम्र 28 वर्ष है. चारों बिहार के मोतिहारी जिले के रहने वाले हैं. मुश्ताक और नूर एक गारमेंट फैक्ट्री में टेलर की नौकरी करते थे. साहिल गुरुग्राम घूमने के इरादे से आया था. वहीं, अमन 10वीं में पढ़ाई करता है.

काफी मशक्कत से आग बुझाई गई

वहीं, हादसे की सूचना मिलते ही पुलिस की टीम के साथ दमकलकर्मी भी पहुंचे. काफी मशक्कत के बाद दमकलकर्मियों ने आग को बुझाया. आशंका जताई जा रही है कि शॉर्ट सर्किट से आग लगी है. मृतक के परिजन को सूचना भेज दी गई है. उनके घरवाले गुरुग्राम आ रहे हैं. एक अधिकारी ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद शवों को उनके परिजन को सौंप दिया जाएगा. हादसे के बारे में स्थानीय लोगों से जानकारी जुटाई गई है.

इस घटना के बाद से सरस्वती एनक्लेव में सन्नाटा पसर गया है. स्थानीय लोगों के मुताबिक, जब आग लगी तो कमरे का दरवाजा जल रहा था. शायद इसी वजह से चारों युवक अंदर ही फंसे रह गए. शव बुरी तरह से जल गए थे. चेहरों को पहचानना तक मुश्किल हो रहा था.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक