अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की शुरुआत, 200 KM दूरी से भी देवता पहुंचे
भगवान रघुनाथ की मूर्ति को 1650 में अयोध्या से कुल्लू लाया गया था। रघुनाथ के सम्मान में देवी-देवताओं का महाकुंभ कुल्लू दशहरा मनाया जा रहा है। दशहरा के लिए 200 किमी दूर से देवता पहुंचे हैं। वहीं, सुरक्षा व्यवस्था के लिए 1,400 जवान तैनात रहेंगे। ड्रोन के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रहेगी।374 साल पुराना अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा कई परंपराओं और मान्यताओं को समेटे हुए है। भगवान रघुनाथ की मूर्ति को 1650 में अयोध्या से कुल्लू लाया गया था। रघुनाथ के सम्मान में देवी-देवताओं का महाकुंभ कुल्लू दशहरा मनाया जा रहा है। तब से लेकर 1960 तक जिले के सैकड़ों देवी-देवता अपने ही खर्चे पर दशहरा उत्सव में भाग लेते आए हैं। दशहरा के लिए देवता के देवलू घर से ही राशन लेकर आते थे। दूरदराज से आने वाले देवी-देवताओं को आने-जाने में 12 से 15 दिनों का समय लगता था। अब सड़कों की सुविधा होने से देवताओं को दोनों तरफ की आवाजाही में एक हफ्ते का ही समय लगता है ।पंजाब सरकार ने दिया था 10,000 रुपये नजराना
1960 में तत्कालीन पंजाब सरकार ने देवी-देवताओं को नजराना राशि भेंट की थी। बताया रहा है कि उस वक्त दशहरा में पहुंचे करीब 200 देवताओं को 10,000 रुपये बतौर नजराना दिया गया था। प्रत्येक देवता को यह राशि 20 से लेकर 30 रुपये तक वितरित हुई थी। अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा की पहचान देवी-देवताओं से है और महाकुंभ को देखने के लिए देश-विदेश से भी बड़ी संख्या में सैलानी पहुंचते हैं। कई विदेशी शोधकर्ता भी विशेष रूप से कुल्लू पहुंचते हैं। इस साल दशहरा उत्सव समिति ने 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण दिया है। बाह्य सराज, आनी, निरमंड और सैंज की शांघड़ घाटी के दूरस्थ इलाकों के देवी-देवता 150-200 किमी का पैदल सफर कर पहुंचते हैं। जिला देवी-देवता कारदार संघ दोत राम ठाकुर ने कहा कि 310 सालों तक देवताओं को नजराना नहीं मिलता था।200 किमी दूरी से भी देवता पहुंचे
दशहरा के लिए 200 किमी दूर से आने वाले देवताओं में चंभू, शरशाई नाग, सप्तऋषि, देवता खुडीजल, व्यास ऋषि, कोट पझारी, टकरासी नाग, शृंगा ऋषि, बालू नाग, शेषनाग बंजार, माता बूढ़ी नागिन, मनु ऋषि, चोतरू, शमशरी महादेव, बिशलू नाग व जोगेश्वर महादेव शामिल हैं। माता हिडिंबा कुल्लू के रामशिला व बिजली महादेव सुल्तानुपर पहुंच गए हैं। सुरक्षा व्यवस्था के लिए 1,400 जवान तैनात रहेंगे। ड्रोन के साथ-साथ सीसीटीवी कैमरों से भी नजर रहेगी।
देश के साथ दिखेगी विदेशी संस्कृति
दशहरा में करीब 25 देशों के कलाकार भाग ले रहे हैं। इसमें इंडोनेशिया, थाईलैंड, उज्बेकिस्तान, म्यांमार, रूस, अमेरिका और किर्गिस्तान के कलाकार भाग लेंगे। वहीं, आईसीसीआर का संयुक्त सांस्कृतिक दल भी प्रस्तुति देगा। वहीं उतराखंड, असम, राजस्थान, पंजाब और हरियाणा के सांस्कृतिक दल भी दशहरा में अपने कार्यक्रम देंगे। रात्रि सांस्कृतिक कार्यक्रम में शाहिद माल्या, कुलविंदर बिल्ला, ट्रेप बैंड, शारदा पंडित, हिमालयन रूट्स, गुरनाम भुल्लर, कुमार साहिल, नीरज श्रीधर और बांबे वाइकिंग जैसे कलाकार और बैंड उत्सव में लोगों का मनोरंजन करेंगे। सीपीएस सुंदर ठाकुर ने कहा कि दशहरा उत्सव में कई विदेशी राजदूतों के शामिल होंगे और 18 अक्तूबर को सीएम के साथ चर्चा करेंगे।