कुएं में डूब गया था पति…पत्नी ने की बचाने की कोशिश, दोनों की डूबने से मौ.त

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सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत रखोह के कलोह गांव में बुधवार सुबह एक दर्दनाक हादसे में पति-पत्नी की दु:खद मौत हो गई।

मिली जानकारी के अनुसार 45 वर्षीय संजीव कुमार पुत्र नानक चंद अपने घर के पास वाले कुएं में पानी भरने गया। यह कुआं करीब 35 फीट गहरा है और पानी से लगभग आधा भरा हुआ था। संजीव कुमार का अचानक पैर फिसल गया और वह कुएं में जा गिरा। बहुत देर तक जब संजीव वापिस घर नहीं लौटा तो उसकी पत्नी नीलम कुमारी भी कुएं के पास पहुंची और उसने अपने पति को डूबा हुआ देखा। पत्नी ने अपने पति को बचाने की कोशिश की तो उसका भी पैर फिसल गया और वह भी कुएं में जा गिरी।

बहुत देर तक जब संजीव और नीलम घर नहीं पहुंचे तो संजीव की 72 वर्षीय बुजुर्ग मां लीला देवी कुएं के पास पहुंची। लीला देवी ने दोनों को डूबा हुआ देखा तो उसके होश फाख्ता हो गए। उसने चिल्ला कर गांव वालों से मदद मांगी। गांव वालों ने मौके पर पहुंचकर कड़ी मशक्कत के बाद दोनों को कुएं से बाहर निकाला लेकिन तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। घटना की सूचना पुलिस को मिली तो पुलिस टीम ने मौके पर आकर शवों को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। डीएसपी सरकाघाट संजीव गौतम ने घटना की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है और छानबीन जारी है।

घर में रह गया नौजवान बेटा और बूढ़ी मां
मृतक संजीव कुुमार रखोह पंचायत का वार्ड पंच था और उसकी पत्नी नीलम कुमार आशा वर्कर थी। इनका एक 21 वर्षीय बेटा है जो एम. फार्मा की पढ़ाई कर रहा है। इसके अलावा घर पर 72 वर्षीय बुजुर्ग मां है। अब इस परिवार में सिर्फ बुजुर्ग मां और नौजवान बेटा ही शेष रह गए हैं। इस घटना से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। हर कोई इस घटना के बारे में सुनकर गमगीन है। क्योंकि किसी ने यह कभी नहीं सोचा था कि गांव में घर के पास जो कुआं पानी के रूप में जिंदगी की डोर को आगे बढ़ा रहा है एक दिन वहीं कुआं मौत का कुआं बनकर जीवन की डोर को तोड़ देगा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक