प्रशासन ने पहले ही अवैध निर्माणों को हटाने के लिए नोटिस जारी कर दिए थे, और इसके बाद समुदाय के लोगों ने खुद ही मस्जिद को तोड़ने का कार्य शुरू कर दिया। इस कदम को स्थानीय प्रशासन ने भी सराहा है और इसे सकारात्मक पहल के रूप में देखा जा रहा है, जिससे शहर में सांप्रदायिक सौहार्द्र बनाए रखने में मदद मिल रही है।

पुलिस और प्रशासन के अधिकारी लगातार स्थिति पर नजर रखे हुए हैं ताकि किसी भी संभावित विवाद या अप्रिय स्थिति को टाला जा सके। प्रशासनिक अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वे शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखें और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें।

इस घटना से स्पष्ट है कि मुस्लिम समुदाय ने अवैध निर्माण के मुद्दे को समझदारी और जिम्मेदारी के साथ संभालने का प्रयास किया है, जिससे क्षेत्र में शांति और भाईचारा बना रहे। प्रशासन की ओर से यह भी कहा गया है कि किसी भी तरह के अवैध निर्माण को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और आगे भी इस तरह की कार्रवाई जारी रहेगी।

आपको बता दे की संजौली मस्जिद विवाद में भी आज एक नया मोड़ लिया है। मस्जिद कमेटी ने शिमला नगर निगम को ज्ञापन सौंपते हुए मांग की है कि कोर्ट के फैसले तक अवैध मस्जिद को कब्जे में लिया जाए या सीज किया जाए। इसके साथ ही कमेटी ने नगर निगम से अवैध कब्जे को गिराने की अनुमति देने की भी मांग की है।

कमेटी का कहना है कि कोर्ट का फैसला आने तक मस्जिद की स्थिति स्पष्ट नहीं है, और ऐसे में अवैध निर्माण को लेकर स्थिति तनावपूर्ण हो सकती है। इसलिए कमेटी ने यह कदम उठाया है ताकि कोई भी अनहोनी न हो और विवादित स्थल पर शांति बनी रहे। नगर निगम द्वारा इस ज्ञापन पर क्या कदम उठाया जाएगा, इस पर सबकी नजरें टिकी हैं।