को-ऑपरेटिव बैंक घोटाला : जांच के लिए शिमला से पहुंची सात सदस्यीय ऑडिट टीम

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हिमाचल प्रदेश में नौहराधार कोऑपरेटिव बैंक की शाखा में करोड़ों के घोटाले की जांच के लिए शिमला से सात सदस्यीय स्पेशल ऑडिट और टेक्निकल टीम पहुंच गई है। यह जानकारी चर्चा का विषय बन गई है कि जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, घोटाले की राशि का आंकड़ा भी बढ़ सकता है। हालांकि बैंक प्रबंधन का दावा है कि उपभोक्ताओं की जमा राशि पूरी तरह से सुरक्षित है, लेकिन इस तरह के घोटाले के सामने आने के बाद बैंक की कार्यप्रणाली पर धब्बा लग गया है। लिहाजा बैंक ने घोटाले की जांच सीबीआई  से करवाने की सिफारिश भी कर दी है।

सहायक प्रबंधक द्वारा करोड़ों की हेराफेरी का मामला 3 अगस्त को सामने आया था। इस घटना के बाद प्रबंधन ने एक हफ्ते तक खुद जांच की। 10 अगस्त को प्रबंधन ने संगड़ाह पुलिस थाने में आरोपी कर्मचारी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई।

मामला तब सार्वजनिक हुआ जब 13 अगस्त को कई उपभोक्ता अपने बैंक खातों की जांच के लिए बैंक पहुंचे। घोटाले की जानकारी के बाद सहायक प्रबंधक को तत्काल सस्पेंड कर शिमला मुख्यालय भेजा गया और पुलिस में अलग से शिकायत दर्ज करवाई गई। कई उपभोक्ताओं ने भी आरोप लगाया कि उनके साथ लाखों की हेराफेरी की गई है। कुछ उपभोक्ताओं का बैंक बैलेंस पूरी तरह से जीरो हो गया।

इस घोटाले के बाद बैंक प्रबंधन ने सख्त कार्रवाई की बात कही है। अब तक बैंक के 7 कर्मचारियों को सस्पेंड किया जा चुका है और 10 कर्मचारियों को विभागीय कार्रवाई के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है।

 

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक