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गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सी.बी.एस.ई. की ‘आकलन और मूल्यांकन प्रथाओं ’ पर कार्यशाला का आयोजन

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गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में सी.बी.एस.ई. की ‘आकलन और मूल्यांकन प्रथाओं ’ पर कार्यशाला का आयोजन
जैसा कि सबको विधित है , गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल में समय – समय पर सी.बी.एस.ई. द्वारा आयोजित कार्यशालाओं का आयोजन किया जाता है। 6 जुलाई और 7 जुलाई को भी दो दिवसीय कार्यशाला का आयोजन विद्यालय के बहुविकल्पिक प्रांगण में किया, जिसे केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी० बी०एस०ई०) संसाधन व्यक्ति (रिसोर्स पर्सन) श्री रवि शर्मा और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सी.बी.एस.ई) की मास्टर ट्रेनर श्रीमती रंजना भारद्वाज ने संचालित किया। इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य ‘आकलन और मूल्यांकन’ प्रथाओं को मजबूत करना था । विशेष रूप से भिन्न गतिविधियों के माध्यम से प्रश्न पत्रों को तैयार करने के प्रभावी तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने छात्रों के लिए उपलब्ध आदर्श प्रश्न पत्र बनाने में तथा शिक्षा को सरल बनाने में अपनी विशेषज्ञता और अनुभव को सांझा किया।

 

गुरुकुल इंटरनेशनल सीनियर सेकेंडरी स्कूल के शिक्षकों तथा अन्य विद्यालयों से लगभग 50 शिक्षकों ने दो दिवसीय कार्यशाला में भाग लिया, ताकि वे अपने छात्रों का आकलन और अपनी मूल्यांकन प्रथाओं में सुधार कर सकें। सभी शिक्षक तीव्र रूप से चर्चाओं, वर्कशॉपों, और गतिविधियों में शामिल हुए ।
सभी उपस्थित अध्यापकों ने कार्यशाला की गतिविधियों में सक्रिय रूप से भाग लिया। जिसमें अध्यापकों से अध्ययन को और रुचिकर बनाने के लिए अनेक तरह की गतिविधियाँ भी करवाई गईं । स्कूल की प्रधानाचार्या डॉ. लखविंदर कौर अरोड़ा ने श्री रवि शर्मा और श्रीमती रंजना भारद्वाज को कार्यशाला के लिए आभार व्यक्त किया और उन्हें स्कूल की ओर से हरित स्मृति चिह्न भेंट किए गए।
प्रधानाचार्या ने विभिन्न विद्यालयों से आए शिक्षकों की भागीदारी के लिए आभार व्यक्त किया । उन्होंने संसाधन व्यक्तियों श्रीमती रंजना भारद्वाज और श्रीमान रवि शर्मा का धन्यवाद तथा सराहना की और कहा कि उन्होंने कीमती समय देकर शिक्षकों का मार्गदर्शन किया।
यह कार्यशाला उच्च स्तर पर समाप्त हुई, जिसमें सभी प्रतिभागी शिक्षण स्थलों में प्रभावी आकलन और मूल्यांकन के लिए बढ़े हुए कौशल और रणनीतियों से परिपूर्ण थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक