अभिनय-2024 डा0 कैलाश अहलुवालिया के नाम समर्पित

Spread the love

अभिनय-2024 एक ऐसी हस्ती,एक ऐसी विभूति के नाम समर्पित किया गया जो प्रारंभ से संस्था से जुड़े रहे व संस्था के संरक्षक भी रहे संस्था से इनका विशेष अनुराग रहा… डा0 कैलाश अहलुवालिया एक ऐसा व्यक्तित्व
जो साहित्यरस के प्रबल पिपासु, अत्यंत संवेदनशील,सहनशील, जिज्ञासु प्रवृत्ति के व
सदैव आनंदित रहने वाले व्यक्तित्व थे , अहलुवालिया जी मानवीय भावनाओं के प्रति दयामय, जीवन के मार्मिक पक्षों के उजागर करने वाले ,अजीवन शिक्षा से अनेक शिक्षार्थियों के प्रेरणा पुंज रहे।
महान शिक्षाविद डॉ कैलाश अहलुवालिया सुविख्यात सर्वदा समर्पित विख्यात साहित्यकार थे इनका जन्म देहरा जिला कांगड़ा हिमाचल प्रदेश में पूज्य पिता श्री नंदलाल अहलुवालिया के घर हुआ , इनकी प्रारंभिक शिक्षा डरोगा मंगवाल और नादौन में हुई
इनहोंने एम.ए.अंग्रेजी तथा इतिहास विषयों में उतीर्ण कर एम. फिल तथा पीएचडी ऑन अर्थर मिलर (मेरिकन ड्रामाटिस्ट) विषय पर की।
आप हिमाचल प्रदेश के विभिन्न राजकीय महाविद्यालय में अध्यापनरत रहे तथा असंख्य विद्यार्थियों को अपनी ज्ञान आभा से अलौकिक किया साहित्य के क्षेत्र में इनकी सत्रह रचनाएं प्रकाशित हुई हैं तथा लगभग 30 साहित्यिक पुस्तक संग्रहों में आपकी शोध पूर्ण रचनाएं प्रकाशित हुई । चंडीगढ़ साहित्य अकादमी द्वारा आपको लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से अनेक स्थानीय नाटक एवं साहित्यिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित एवं पुस्कृत किए जा चुके थे।
सेतु शिमला व कण्टेम्पोटेरी वाईस चंडीगढ़,अभिनव इमरोज़, साहित्य नंदिनी दिल्ली में आप की विविध विधा की रचनाएं प्रकाशित होती रही ।
सोलन की नाटक एवं सांस्कृतिक संस्था फिलफाट् फोरम के साथ प्रारंभ से जुड़े रहे व अनेक प्रतियोगिताओं में निर्णायक की भूमिका निभाते रहे…।
नाटक पढ़ना, अभिनय करना, नाटक ,कविताएं, कहानियां लेखन में आपकी विशेष रूचि रही, देश विदेश का भ्रमण आप की नीयति में सम्मिलित रहा। सेवानिवृत्त निवृत्ति के पश्चात आप चंडीगढ़ में ही साहित्य साधना करते रहे
फिलफाट् संस्था अचानक इनके देहांत से क्षुब्ध हो गयी,भारी क्षति महसूस करते हुए इनकी भावनाओं से प्रभावित होकर समाज के प्रति इनकी सेवाओं को देखते हुए संस्था ने आखिल भारतीय नृत्य,नाटक, संगीत प्रतियोगिता अभिनय-2024 को इनके नाम से समर्पित कर भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करने का प्रयास किया।।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक