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कालका-शिमला एनएच पर बनेगी इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ लैब

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कालका-शिमला नेशनल हाईवे पांच पर कथेड़ में पहली इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ प्रयोगशाला बनेगी। इस प्रयोगशाला में कीटाणुओं और जीवाणुओं की जांच की जाएगी। लैब में इसकी भी तुरंत जानकारी मिलेगी कि यह वायरस या बैक्टीरिया फैल तो नहीं रहा है। साथ ही इसके बचाव के लिए तुरंत कार्रवाई भी हो सकेगी। यदि वायरस या बैक्टीरिया फैल रहा होगा तो इसकी तुरंत रिपोर्ट केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को भेजी जाएगी। यह लैब सीधी राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के तहत कार्य करेगी। वर्तमान में आयुष्मान भारत अभियान के तहत प्रदेश स्वास्थ्य विभाग प्रयोगशाला का निर्माण करवाएगा। प्रयोगशाला निर्माण के लिए जल्द ही केंद्र सरकार की ओर से पैसा भी जारी होगा।

हाईवे पर अभी तक इस प्रकार की कोई लैब स्थापित नहीं है। प्रयोगशाला के निर्माण से मरीजों को स्थानीय स्तर फैलने वाली बीमारियों के लिए बाहरी राज्यों में टेस्ट के लिए नहीं जाना पड़ेगा। अभी तक वायरस और बैैक्टीरिया के रोगों की जांच प्रदेश में संभव नहीं हो पाती है। स्वास्थ्य विभाग की ओर से भी स्थापित की गई लैब में सैंपल लेकर जांच के लिए बाहरी राज्यों में जांच के लिए भेजे जाते हैं। ऐसे में जब तक रिपोर्ट आती है तब तक एक से दूसरे को बीमारी फैलने का खतरा बना रहता है।

इसे देखते हुए विभाग की ओर से प्रयोगशाला का निर्माण करवाया जा रहा है। खास बात यह है कि लैब से रिपोर्ट भी कुछ ही घंटों में प्राप्त हो जाएगी।सोलन जिला के कथेड़ में निर्माणाधीन अस्पताल के साथ ही इंटीग्रेटेड लैब बनेगी। इसके लिए जगह भी देख ली गई है। नक्शा जल्द ही बनाया जाएगा और बजट आने के तुरंत बाद लैब का कार्य शुरू होगा। प्रयोगशाला में आधुनिक मशीनें लगेंगी। इसमें कई प्रकार के टेस्ट की सुविधा लोगों को मिलेगी। संवाद

स्वास्थ्य सेवाओं को किया जा रहा मजबूत
प्रदेश में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जा रहा है। इसके लिए प्रदेश में नई लैब स्थापित हो रही है। प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने का प्रयास कर रही है ताकि लोगों को बीमारी के उपचार के लिए इधर-उधर न भटकना पड़े। वहीं आधुनिक लैब को स्थापित करने से बीमारियों का भी आसानी से पता लगाया जा सके।

कथेड़ में निर्माणाधीन अस्पताल के साथ ही इंटीग्रेटेड पब्लिक हेल्थ प्रयोगशाला का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए जगह चयनित कर ली गई है। लैब में आधुनिक मशीनें इंस्टाल होंगी। जिनके माध्यम से बीमारियों का पता लगाकर उनकी रोकथाम की जाएगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक