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शिमला शहर में ट्रफिक की समस्या का होगा स्थाई समाधान : मुख्यमंत्री

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मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां 47.36 करोड़ रुपये से निर्मित 154.22 मीटर लंबी संजौली-ढली सुरंग का उद्घाटन किया। यह सुरंग मौजूदा ढली टनल के सामानांतर बनाई गई है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व सरकार के कार्यकाल में इस सुरंग का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रहा था लेकिन वर्तमान सरकार ने निर्माण कार्य में तेजी लाई और एक साल के भीतर इस सुरंग को तैयार किया गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि विकास कार्योंे से जुड़ी परियोजनाओं को तय समय सीमा में पूरा किया जाए ताकि प्रदेश के लोगों को परियोजनाओें से जुड़े लाभ जल्द से जल्द प्रदान किए जाएं।
पुरानी ढली टनल वर्ष 1852 में बनाई गई थी जिससे कि एक समय में एक तरफा टैªफिक का संचालन ही संभव था, जिस कारण यहां टैªफिक की समस्या रहती थी। नई टनल के संचालन से टैªफिक की समस्या समाप्त होगी और स्थानीय लोगों एवं पर्यटकों को निर्बाध यातायात सुविधा प्राप्त होगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन हिमाचल की आर्थिकी के लिए महत्त्वपूर्ण क्षेत्र है और बेहतर यातायात सुविधाओं के निरन्तर विकास से इस क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा कि यह सुरंग शिमला के मुख्य पर्यटन गतंव्य स्थलों, जैसे कि कुफरी, नालदेहरा, तत्तापानी, नारकंडा और चायल, पर यातायात सुगम बनाएगी। शिमला शहर के लिए यह सुरंग सामरिक दृष्टि से महत्त्वपूर्ण है और क्षेत्र की आर्थिकी को मजबूती प्रदान करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा आधुनिक पर्यटन अधोसंरचना का विकास कर पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय लोगों की जरूरतों को भी पूरा कर रही है।
ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि नई सुरंग के निर्माण से शिमला शहर के सर्कुलर रोड पर टैªफिक की समस्या का व्यवहारिक और स्थाई समाधान होगा। इस परियोजना से स्थानीय रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि पुरानी सुरंग का भी जीर्णोद्धार किया जाएगा।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सलाहकार (मीडिया) नरेश चौहान, विधायक हरीश जनारथा, नगर निगम शिमला के महापौर शिमला, सुरेंद्र चौहान और अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक