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किसानों को जैविक खाद बेचेगा हिमफेड

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हिमाचल में खेती को रसायनमुक्त बनाने के लिए सरकार ने पहल शुरू कर दी है। हिमफेड के माध्यम से सरकार किसानों को जैविक खाद उपलब्ध करवाएगी। सूबे में हिमफेड के केंद्रों में खाद पहुंच गई। किसानों को खाद बाजार से काफी कम दाम पर मिलेगी। फसल में कितनी मात्रा में खाद डाली जानी है, इसके क्या फायदे रहेंगे, इसके बारे में जागरूक करने के लिए हिमफेड शिविर भी आयोजित करेगा।

हरियाणा की एक निजी कंपनी की ओर से तैयार खाद के अगर सही परिणाम सामने आए तो भविष्य में इसका व्यापक तौर पर इस्तेमाल किया जा सकेगा। हिमफेड के पास तीन तरह की खाद (पाउडर, तरल और दानेदार) पहुंची है। बता दें कि रासायनिक उर्वरकों के लगातार उपयोग से खेती की लागत बढ़ती जा रही है और जमीन सख्त हो रही है। भूमि में पानी सोखने की क्षमता घट रही है।

ये खाद मिलेगी
कुरड़ी खाद (पाउडर) का 50 किलोग्राम बैग हिमफेड 660 रुपये में देगा। इसका बाजार मूल्य 2,000 रुपये है। खाद से पौधों की जड़ों का विकास और उत्पादन अधिक होगा। मृदा में पानी की क्षमता बढ़ेगी। साथ-साथ सभी तरह के विषैले रसायनों और कीटनाशकों को पौधों में जाने से रोकेगा।

हिमफेड 960 रुपये में देगा 25 किलो का बैग
बायो फॉर्गेनिक खाद (दानेदार) के 25 किलोग्राम बैग की कीमत बाजार में 2,100 रुपये है। जबकि हिमफेड इसे 960 रुपये में देगा। खाद एनपीके की उपलब्धता पौधों में कई गुणा बढ़ा देगी। फूल झड़ने से बचेंगे। मृदा का पीएच लेवल संतुलित रहेगा। इसमें एनपीके, पोटाश, फास्फेट और कार्बन आदि तत्व हैं।

बायो फॉर्गेनिक (तरल) के इस्तेमाल से रोगों से लड़ने की क्षमता बढ़ेगी। वहीं, यह फसलों के उत्पादन में वृद्धि और गर्मी के मौसम में भी पौधों की गुणवत्ता बनाए रखने में कारगर है। अभी खाद को ट्रायल के तौर पर इस्तेमाल में लाया जा रहा है। सोलन में खाद पहुंच चुकी है। सिरमौर में एक दो दिन के भीतर उपलब्ध होगी। खेती को रसायन मुक्त करने के लिए हिमफेड के माध्यम से खाद किसानों को किफायती दाम पर उपलब्ध करवाई जाएगी। हिमफेड ने नौणी विवि से भी एमओयू साइन किया है। विवि के वैज्ञानिक खाद से खेती में पड़े असर को परखेंगे।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक