108 में गूंजी बेटे की किलकारी

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हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिला में 108 एंबुलेंस  आपातकालीन स्थिति  में जीवन दायिनी साबित हो रही है। जरूरत पड़ने पर एम्बुलेंस कर्मचारी  सूझबूझ से जच्चा-बच्चा का जीवन बचा लेते है।  ऐसा ही एक मामला मंगलवार देर शाम देखने को मिला, जब सैनधार के महीपुर की 27 वर्षीय महिला अंजू को घर पर तेज प्रसव पीड़ा  शुरू हो गई।

108 को शाम 5:20 पर सूचना मिली, जिसके बाद कर्मी तुरंत रवाना हो गए। मेडिकल कॉलेज से चंद किलोमीटर पहले महिला की प्रसव पीड़ा असहनीय हो गई। आनन-फानन में एंबुलेंस टीम ने रास्ते में ही डिलीवरी करवाने का निर्णय लिया।

  अस्पताल लाते समय नाहन मेडिकल कॉलेज) से करीब तीन किलोमीटर दूर बनोग के पास महिला की प्रसव पीड़ा नियंत्रण से बाहर हो गई थी। ईएमटी ममता व पायलट मनीष ने एम्बुलेंस में ही रात  8:05 पर डिलीवरी  करवाने में सफलता अर्जित की। महिला की गोद में  बेटे  की किलकारी गूंज उठी। इसमें कोई दो राय नहीं है कि  ईएमटी ममता व पायलट मनीष की सूझबूझ से प्रसूति संभव हो पाई। जच्चा-बच्चा स्वस्थ है। टीम ने बताया कि जच्चा -बच्चा को मेडिकल कॉलेज में दाखिल करवाया गया। इससे पहले भी 108 एम्बुलेंस  महिलाओं के लिए  जीवनदायी साबित हो चुकी है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक