बीजेपी को अंडर एस्टीमेट करना पड़ेगा भारी, या शिमला में नगर निगम चुनाव में पार लगेगी कांग्रेस की नैया

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 हिमाचल प्रदेश में साल 2022 के अंत में ही सत्ता परिवर्तन हुआ है. सरकार बने हुए अभी चार महीने का ही वक्त बीता है. ऐसे में कांग्रेस के विरोध खिलाफ सत्ता विरोधी लहर काफी हद तक कम है….शिमला (Shimla) में नगर निगम (Municipal Corporation) के चुनाव हैं. दो मई को वोटिंग होनी है और इससे पहले कांग्रेस (Congress) अपनी जीत को लेकर आश्वस्त नजर आ रही है. कुछ जानकार इसे आत्ममुग्धता और मुगालता बता रहे हैं. कांग्रेस का दावा है कि चार महीने पहले ही हिमाचल में सत्ता परिवर्तन हुआ है. ऐसे में नगर निगम शिमला चुनाव में कांग्रेस की जीत तय है. हर वार्ड में कांग्रेस के आला नेता यह प्रचार कर रहे हैं कि सरकार के बिना पार्षद कोई काम नहीं कर सकेंगे.

कांग्रेस का दावा है कि नगर निगम शिमला में उनकी जीत दो-तिहाई बहुमत के साथ होगी. शिमला शहर के विधायक हरीश जनरथा ने तो कुल 34 में से 28 सीटों पर जीत का दावा किया है. अब ऐसे में सवाल यह है कि क्या कांग्रेस विश्व के सबसे बड़े दल और हमेशा चुनावी मोड में रहने वाली भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अंडर एस्टीमेट कर रही है? संगठन का हर कदम चुनावी समीकरण को ध्यान में रखकर चलने वाली बाजेपी को कम आंकना क्या कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है?

हिमाचल प्रदेश की राजनीति को समझने वाले जानकार मानते हैं कि यह ऐसा मौका है, जब कांग्रेस हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव की जीत से उत्साहित है. कांग्रेस उपचुनाव और विधानसभा चुनाव के बाद नगर निगम चुनाव जीतकर हैट्रिक लगाने की बात कर रही है, लेकिन ये इतना भी आसान नहीं रहने वाला है. भारतीय जनता पार्टी ने केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, हिमाचल बीजेपी अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल, पूर्व मंत्रियों के साथ- साथ सिटिंग विधायकों और नेताओं की बूथ लेवल पर ड्यूटी लगा रखी है. चुनाव में हर पन्ने पर काम करने वाली बीजेपी अंडर एस्टीमेट करना कांग्रेस पर भारी पड़ सकता है. इसके अलावा शिमला में बीजेपी का कैडर वोट भी बड़ी संख्या में है.

हिमाचल प्रदेश में साल 2022 के अंत में ही सत्ता परिवर्तन हुआ है. सरकार बने हुए अभी चार महीने का ही वक्त बीता है. ऐसे में कांग्रेस के विरोध खिलाफ सत्ता विरोधी लहर काफी हद तक कम है. हालांकि अब तक चुनावी गारंटियों के पूरे न हो पाने के चलते कांग्रेस लगातार सवालों के कटघरे में खड़ी हो रही है. बावजूद इसके सरकार के खिलाफ अब तक कोई ऐसा बड़ा मुद्दा नहीं बन सका है, जिससे सरकार के लिए एंटी इनकंबेंसी तैयार हो. इसी का फायदा उठाकर कांग्रेस नगर निगम शिमला चुनाव में जीत हासिल करने की कोशिश कर रही है. विधानसभा चुनाव के दौरान गुटों में बंटी कांग्रेस ने जनता के सामने गुटबाजी खत्म किए जाने का भी संदेश दिया है.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक