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कोटखाई के रुद्र चौहान ने पांच हजार में बना दिया ऑक्सीजन कंसंट्रेटर

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बहुत कम कीमत की वस्तुओं से 9वीं कक्षा के विद्यार्थी ने ऑक्सीजन कंसंट्रेटर बनाया है। हिमाचल प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, राज्य शैक्षणिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) के संयुक्त तत्वावधान से शिमला के गेयटी थियेटर में लगी प्रदर्शनी में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आकर्षण का केंद्र बना है। इसे छात्र रुद्र चौहान ने कोविड काल की जरूरत को देखते हुए महज 5,000 रुपये की लागत से बनाया है। डीएवी सीनियर सेकेंडरी पब्लिक स्कूल कोटखाई के रुद्र चौहान का कहना है कि सामान्य ऑक्सीजन कंसट्रेटर की कीमत 15 से 50 हजार रुपये तक होती है और एक से दूसरे स्थान के लिए ले जाना आसान नहीं होता है। पर यह यहां से वहां ले जाना बहुत आसान है। ग्रामीण क्षेत्रों में जहां बिजली के कट लगना आम बात है, वहां भी इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। इसमें एक इनबिल्ट बैटरी है, जो 12 घंटे चल सकती है। इस बैटरी का बैकअप इन्वर्टर की मदद से बढ़ा सकते हैं। उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारी सुरेश कुमार ने कहा कि यह प्रदर्शनी वीरवार तक चलेगी। 

एक तीन लीटर का बर्तन लिया, जिसमें एक लीटर का एक अन्य कंटेनर रखा। इसे बॉटम से काट दिया। इसके बाद स्टील के दो चर्नर इसमें रखे, जो स्टील वूल से भरे। इसे बिजली के कंडक्टर के रूप में इस्तेमाल किया। अब कंटेनर के अंदर पानी में सोडियम हाइड्रोक्साइड को मिक्स किया गया। इसने पानी की कंडक्टिविटी को बढ़ा दिया। इसके बाद छोटे कंटेनर में दो छेद किए, जिससे कि गैस बाहर आए। फिर नेगेटिव टर्मिनल की पाइपों को एग्झोस्ट पाइप के साथ जोड़ा, जिससे कि हाइड्रोजन गैस बाहर आए। पॉजिटिव टर्मिनल को ऑक्सीजन मास्क के साथ जोड़ा गया। इसे इस्तेमाल करने के लिए पहले कंटेनर में पानी डालना होता है। उसके बाद इसमें सोडियम हाइड्रोक्साइड मिलाना होता है। पांच मिनट के बाद यह इस्तेमाल करने के लिए तैयार हो जाता है। विद्यार्थियों ने कई अन्य प्रोजेक्टों को भी यहां लगाया है। घरेलू वस्तुओं से सैनिटाइजर डिस्पेंसर बनाने, एप्रिकॉट फ्लेश एंड सीड सेपेरेटर, गारबेज कलेक्शन बनाने के मॉडल भी आकर्षण का केंद्र बने हैं।

   

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक