सेब में प्राकृतिक खेती पर बागवानों को किया जागरूक केवीके शिमला में किसान मेला का आयोजन

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रोहड़ू स्थित कृषि विज्ञान केंद्र शिमला में शनिवार को सेब में प्राकृतिक खेती पर एक दिवसीय किसान मेले का आयोजन किया गया। मेला का आयोजन प्राकृतिक कृषि खुशहाल किसान योजना के सहयोग से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डॉ यशवंत सिंह परमार औदयानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने प्राकृतिक खेती पर एक प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। प्राकृतिक खेती से जुड़े महिला स्वयं सहायता समूहों और विभिन्न किसान संस्थाओं के सदस्यों ने केवीके में प्रदर्शनी में भाग लिया। विस्तार शिक्षा निदेशक डॉ दिवेन्द्र गुप्ता ने स्वागत सम्बोधन प्रस्तुत किया। सभा को संबोधित करते हुए डॉ. राम कृष्ण शर्मा, परियोजना निदेशक आत्मा शिमला ने जिले में प्राकृतिक खेती के तहत की जाने वाली गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। डॉ. एन एस कैथ, प्रधान वैज्ञानिक और केवीके शिमला के प्रभारी ने सेब में प्राकृतिक खेती के संभावनाएं और इसका उपयोग कृषि आय बढ़ाने के लिए कैसे किया जा सकता है, के बारे में बताया। कृषि में महिलाओं और किसी भी नई सरकारी योजनाओं की सफलता में महिलाओं की भूमिका की सराहना करते हुए प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि यह नई कृषि प्रणाली केवल तभी अपनी पूर्ण क्षमता प्राप्त कर सकती है जब महिलाएं इसके कार्यान्वयन में अग्रणी भूमिका निभाएं। स्थानीय बीजों और उसके लाभों के महत्व पर प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि किसानों से अपने स्थानीय बीजों और फसलों को संरक्षित करने का आग्रह किया, जिनकी खेती पिछले कुछ दशकों में काफी कम हो गई है। उन्होंने विभिन्न स्वयं सहायता समूहों से पारंपरिक फसलों का उत्पादन बढ़ाने में मदद करने का आग्रह किया।

प्रोफेसर चंदेल ने कहा कि सेब की खेती की लागत, जो कि राज्य की एक प्रमुख नकदी फसल है, प्राकृतिक खेती को अपनाने से काफी कम की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती न केवल उपज की गुणवत्ता में सुधार करने में मदद करती है बल्कि मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और कृषि के लिए पानी के उपयोग में कमी करके पर्यावरण संरक्षण में मददगार है। इस अवसर पर प्राकृतिक खेती कर रहे कई किसानों ने अपने बगीचे में इस तकनीक को अपनाने के अपने अनुभव साझा किए। प्राकृतिक खेती में लगे किसान समूहों को भी सम्मानित किया गया। डॉ. जेसी भारद्वाज, केवीके शिमला के पूर्व प्रभारी, डॉ. कुशल मेहता, एचडीओ; डॉ. इबजनाई कुर्बाह, किसान मेले में कई किसान संस्थाओं के प्रतिनिधि और बागवानी और कृषि विभाग के अधिकारियों ने भाग लिया। किसान मेला के बाद रोहड़ू ब्लॉक के गावना गांव में प्रगतिशील किसान संजीव झामटा के बगीचे का दौरा किया। उन्होंने उच्च घनत्व वाले वृक्षारोपण के तहत 4000 से अधिक सेब के पौधे लगाए हैं और एक ब्लॉक को प्राकृतिक खेती में भी बदल दिया है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक