सोलन स्थित जिला आयुवेर्दिक अस्पताल में चिकित्सक मासिक बैठक मे मशगुल थे तो वहीं मरीज घंटो इंतजार मे परेशान दिखाई दिये। अस्पताल मे मरीज अपने विभिन्न तरह की जांच करवाने के लिए खाली पेट आते है लेकिन इसकी परवाह भला किसको है।
सोलन के आयुवेर्दिक अस्पताल मे आज बदइंतजामी देखने को मिली। अस्पताल में करीब दो घंटे तक कोई भी चिकित्सक मरीजो की सुध लेने के लिए नहीं दिखाई दिया। अस्पताल प्रशासन कारण बता रहा है बैठक । बैठक मे सभी चिक्त्सिको को बुलाया गया था जिसमे चिकित्सक उपस्थित रहे लेकिन मरीजो का हाल जानने के लिए कोई भी चिकित्सक करीब दो घंटे तक नहीं था । अस्पताल प्रशासन से जब इस बार जवाब मांगा गया तो अस्पताल प्रशासन कभी मासिक बैठक का हवाला देता फिरा तो कभी क्षय रोग पर चिकित्सको को जानकारी देने की बात कही। मीडिया के वहां पहुचने पर चिकित्सक त्वरित रूप से अपनी सेवाये देने क्यू आये यदि क्षय रोग पर गहन जानकारी मिल रही थी ।
विभिन्न स्थानों से आये मरीजो ने बताया कि वह सुबह से बैठै है लेकिन चिकित्सको के बैठक में होने की बात बताई जा रही है। जिससे वह परेशान है। उन्होने कहा कि करीब दो घंटो से वह चिकित्सकों का इंतेजार कर रहे है। मरीजो ने अस्पताल प्रशासन पर तंज कसते हुए कहा कि बैठक को ऐसे समय में नहीं करना चाहिए जब मरीज अपनी जांच करवाने आये । क्यूकि मरीज भूखे पेट सहित विभिन्न एहतियात बरत कर अपनी जांच करवाने आते है।
वहीं इस बारे जब जिला आयुवेर्दिक अधिकारी राजेन्द्र शर्मा से बात की गई तो उन्होने बताया कि मासिक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमे सभी चिकित्सको को मात्र पंद्रह मिनट के लिए बुलाया गया था । राजेन्द्र शर्मा ने ये भी बताया कि क्षय रोग बारे भी चिकित्सको को उचित जानकारी प्रदान करनी थी तभी सभी चिक्त्सिको को बुलाया गया था ।
निश्चित तौर पर सवाल यह है कि चाहे प्रशासनिक बैठक हो या फिर क्षय रोग पर जानकारी देने की बात हो क्या इन सब बैठकों के पीछे अस्पताल मे मरीजो को उनकी बदहाली पर छोडा जा सकता है। क्या सभी चिकित्सकों को बैठक में बुला कर मरीजो को परेशान किया जा सकता है। निश्चित तौर पर अस्पताल प्रशासन को देखना होगा कि उन्हें मरीजों की सुविधा के लिए अस्पताल मे लगाया गया है न की बैठकों मे बैठने व मरीजो को परेशान करने के लिए ।
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