कोविड वैक्सीन लगवाए बिना प्रचार नहीं कर सकेंगे प्रत्याशी, जानें अन्य दिशा-निर्देश
कोविड-19 वैक्सीन की डबल डोज के बिना कोई भी प्रत्याशी चुनाव प्रचार नहीं कर सकेगा। इस संबंध में भारत निर्वाचन आयोग ने हिमाचल प्रदेश की एक लोकसभा और तीन विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की घोषणा के साथ ही चुनाव लड़ने के लिए दिशा-निर्देश भी जारी कर दिए हैं। निर्देश में स्पष्ट किया गया है कि जनता या चुनाव अधिकारियों के संपर्क में आने वाले हर प्रत्याशी, चुनाव एजेंट, पोलिंग एजेंट, काउंटिंग एजेंट या चालक के लिए दोनों डोज लगवाना अनिवार्य होगा। इसके अलावा सिर्फ दोनों डोज लगवा चुके लोगों को ही चुनाव ड्यूटी में लगाया जाएगा। आयोग ने स्पष्ट किया है कि चुनाव के दौरान कोविड प्रोटोकॉल का सख्ती से पालन कराने और उसकी निगरानी की जिम्मेदारी सीधे तौर पर मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक व संबंधित जिला प्रशासन पर होगी।
सीईओ सी पालरासू ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग ने पहली बार 80 साल से ज्यादा उम्र के मतदाताओं और दिव्यांग मतदाताओं के लिए पोस्टल बैलेट से वोट डालने की सुविधा मुहैया कराएगी। दोनों ही श्रेणी के मतदाता इसके अलावा इच्छा होने पर मतदान केंद्र पर भी वोट डाल सकेंगे। पहले पोस्टल बैलेट से वोट डालने की सुविधा सिर्फ सर्विस वोटर को ही दी जाती थी। सीईओ ने आगे बताया कि हर वोटर को वोट डालने से पहले तापमान चेक कराना होगा। हाथ सैनिटाइज करने के बाद उन्हें डिस्पोजेबल दस्ताने दिए जाएंगे जिन्हें पहनकर वोट डालने के बाद डिस्पोज करना होगा।
अगर कोई प्रत्याशी या राजनीतिक दल दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करेगा तो उसे अगली बार किसी रैली, बैठक आदि की कोई भी अनुमति प्रदान नहीं की जाएगी। इसी तरह अगर कोई स्टार प्रचारक उल्लंघन करता है तो उसे किसी अन्य जगह प्रचार करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी(सीईओ) हिमाचल प्रदेश सी पालरासू ने बताया कि हर पोलिंग स्टेशन पर एक स्वास्थ्य कर्मी को कोविड नोडल अफसर के तौर पर नियुक्त किया जाएगा।
आयोग ने कोविड-19 को देखते हुए इस बार राष्ट्रीय व राज्य स्तरीय दलों के लिए सिर्फ 20 स्टार प्रचारकों को ही प्रचार की अनुमति देने का फैसला लिया है। नुक्कड़ सभा में भी सिर्फ 50 लोगों के आने की अनुमति रहेगी। प्रत्याशी के साथ कुल पांच लोग ही डोर टू डोर कैंपेन कर सकेंगे। वीडियो वैन के जरिये होने वाले प्रचार के समय 50 से ज्यादा दर्शकों को अनुमति नहीं होगी। प्रचार के लिए 20 वाहनों को क्षमता से 50 फीसदी सवारी के साथ प्रयोग किया जा सकेगा। मतदान के दिन अधिकतम दो वाहन अधिकतम तीन-तीन लोगों के साथ प्रयोग में लाए जा सकेंगे।
चुनाव आयोग ने उपचुनाव के दौरान प्रचार के लिए किसी भी तरह के मोटर साइकिल या साइकिल या अन्य वाहन के रोड शो पर रोक लगा दी है। स्पष्ट किया गया है कि नामांकन से पहले या उसके बाद भी किसी तरह का जुलूस या जनसभा नहीं की जा सकेगी। नामांकन के दौरान रिटर्निंग अफसर के कार्यालय 100 मीटर के दायरे में सिर्फ तीन वाहनों को आने की अनुमति होगी जिनमें क्षमता के पचास फीसदी ही सवारी बैठ सकेंगी। बंद कमरे में होने वाली किसी सभा में क्षमता के तीस प्रतिशत या फिर अधिकतम दो 200 लोग शामिल हो सकेंगे। शामिल होने वाले सभी लोगों के नाम एक रजिस्टर में दर्ज किए जाएंगे। स्टार प्रचारक के आने पर खुले में होने वाली सभा में क्षमता के 50 फीसदी या फिर एक हजार तक लोग और अन्य समय में पचास फीसदी या फिर अधिकतम 500 लोगों के शामिल होने की अनुमति रहेगी।