टोक्यो ओलंपिक के बाद आशीष चौधरी के सिर पर सेहरा सजाएंगी मां दुर्गा देवी

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टोक्यो ओलंपिक के बाद हिमाचल प्रदेश के बॉक्सर आशीष चौधरी के सिर पर सेहरा सज सकता है। ओलंपिक खेलों में हिस्सा लेने गए मंडी जिले के आशीष करीब 27 वर्ष के हैं। उनकी माता दुर्गा देवी ने बताया आशीष पिछले कई वर्षों से अपना पूरा समय बॉक्सिंग को दे रहा है, ताकि वह ओलंपिक में देश का नाम रोशन करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना योगदान दे सके। अभी उसके विवाह को लेकर कोई तैयारी नहीं है। जब ओलंपिक समाप्त होगा तो उसके बाद ही आशीष के साथ शादी को लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा। 

अपनी मां दुर्गा देवी के साथ बॉक्सर आशीष चौधरी

आशीष चौधरी पिछले करीब 16 वर्षों से बॉक्सिंग में हाथ आजमा रहे हैं। वह प्रदेश व देश के लिए कई अहम मुकाबलों में शिरकत कर पदक जीत चुके है। बता दें कि  सुंदरनगर से स्कूली और एमएलएसएम कॉलेज से स्नातक करने वाले आशीष वर्तमान में तहसील कल्याण अधिकारी के पद पर धर्मपुर में कार्यरत हैं। 8 जुलाई, 1994 को दिवंगत भगतराम डोगरा के घर जन्मे आशीष ने 9 वर्ष की उम्र में हाथों में बॉक्सिंग गलव्ज पहन लिए थे। वह एमएलएसएम कॉलेज में कोच नरेश वर्मा के पास कोचिंग लेने जाते थे। ओलंपिक क्वालिफायर मैच के दौरान उनके पिता भगतराम डोगरा का निधन हो गया था। इसके बावजूद दबाव और विकट परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी नहीं होने दिया।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक