एक करोड़ जीएसटी देने वाले होटल कारोबारियों को मिलेगा 60 लाख ऋण

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वर्किंग कैपिटल पर ऋण लेने वाले होटल कारोबारियों, ट्रेवल एजेंटों और रेस्टोरेंट संचालकों को कम ब्याज पर ऋण देने की योजना अधिसूचित हो गई है। एक करोड़ रुपये जीएसटी देने वाले होटल कारोबारियों को 60 लाख रुपये तक का ऋण दिया जाएगा। एक से तीन करोड़ तक जीएसटी देने वालों को 90 लाख और तीन करोड़ से अधिक जीएसटी देने वाले होटल कारोबारियों को 1.20 करोड़ का ऋण मिल सकेगा। इसके अलावा जीएसटी जमा करवाने वाले रेस्टोरेंट संचालकों को बीस लाख और ट्रेवल एजेंटों को 15 लाख रुपये का ऋण दिया जाएगा। मंगलवार को पर्यटन विभाग ने कम ब्याज पर ऋण देने वाली योजना को संशोधित कर राजपत्र में अधिसूचित कर दिया है। 

वर्किंग कैपिटल पर ऋण लेने वाले होटल कारोबारियों को अब पहले वर्ष में ब्याज में 75 फीसदी की छूट दी जाएगी।  आर्थिक संकट से जूझ रहे प्रदेश के होटल कारोबारियों को सरकार ने बीते वर्ष 11 फीसदी ब्याज पर चार साल के लिए ऋण देने की योजना चलाई थी। ऋण की अवधि चार वर्षों के लिए रखी गई थी। इसमें पहले दो वर्षों तक ब्याज में हर वर्ष 50 फीसदी छूट दी जा रही थी। पहले दो वर्ष प्रदेश सरकार 50 फीसदी ब्याज चुका रही थी। इस योजना में अब संशोधन कर दिया गया है। अब ऋण की अवधि पांच साल कर दी गई है। इसके अलावा पहले वर्ष में 75 फीसदी तक ब्याज में छूट देने का फैसला लिया गया है। बीते दिनों हुई मंत्रिमंडल की बैठक में योजना को संशोधित किया गया है। संशोधित योजना की अधिसूचना में स्पष्ट किया गया है कि पर्यटन और नागरिक उड्डयन विभाग के साथ सभी पंजीकृत इकाइयां ऋण सुविधा प्राप्त करने के लिए पात्र हैं। 

पर्यटन इकाई को किसी भी एजेंसी द्वारा पहले चूककर्ता/दिवालिया/ब्लैक लिस्टेड आदि नहीं होना चाहिए। ट्रवल एजेंटों को भी योजना के तहत कवर किया जाएगा। ऋण की अवधि पांच वर्ष होगी। ऋण सुविधा अधिस्थगन के पहले वर्ष के दौरान नकद ऋण के रूप में और शेष 4 वर्षों में इसे सावधि ऋण में परिवर्तित किया जाएगा। ऋण 48 ईएमआई में चुकाया जाएगा। एक वर्ष के अधिस्थगन के दौरान अनुदान 75 फीसदी होगा। ऋण की मुद्रा के दूसरे वर्ष पर ब्याज अनुदान 50 फीसदी होगा। शेष अवधि ब्याज सबवेंशन के बिना होगी। राज्य सहकारी बैंक, कांगड़ा केंद्रीय सहकारी बैंक, जोगिंद्रा सहकारी बैंक और व्यावसायिक बैंकों के माध्यम से ऋण दिए जाएंगे

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक