सोलन नगर निगम रोस्टर से किसकी उडी हवाइयां, किसके खिले चेहरे, कौन लड़ सकता है चुनाव कौन कर सकता है आराम

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सोलन नगर निगम रोस्टर से किसकी उडी हवाइयां, किसके खिले चेहरे, कौन लड़ सकता है चुनाव कौन कर सकता है आराम
सोलन नगर निगम रोस्टर से किसकी उडी हवाइयां, किसके खिले चेहरे, कौन लड़ सकता है चुनाव कौन कर सकता है आराम

थर्ड आई टूड़े (विशाल वर्मा) सोलन नगर निगम के चुनाव लड़ने वाले कई नेताओं के आज जारी रोस्टर होने के बाद चेहरे खिल गए है जबकि कईयों की हवाइयाँ उड़ गई है। सबसे ज्यादा झटका पूर्व में नगर परिषद के अध्यक्ष रहे कुल राकेश पंत को लगा है। वो 2011 में नगर परिषद के अध्यश बने थे व उन्होने पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था। अगला चुनाव हो हार गए लेकिन लोगों के बीच में वो सक्रिय रहे। सोलन को नगर निगम बनाने को लेकर भी उन्होने काफी संघर्ष किया व सोलन नगर निगम संघर्ष समिति के बैनर तले तरह-तरह के आंदोलन चलाए। उन्हे इस बार भी काँग्रेस की तरफ से महापौर का दावेदार माना जा रहा था। वो वार्ड 7 से चुनाव लड़ते थे जो कि इस बार एस. सी. महिला के लिए आरक्षित हो गया है। ऐसे में वो किसी और वार से चुनाव लड़े ऐसा दिख नहीं रहा है। फिर भी उम्मीद है कि अगर वार्ड 9 से पुनीत शर्मा चुनाव नहीं लड़ते तो वो वहां से मैदान में उतर सकते है।

वहीं वार्ड 1 के ओपन होने से पूर्व मे पार्षद रहे मनीष खुश है जबकि पिछली बार उनकी पत्नी पार्षद बनकर नगर परिषद पहुंची थी। इस बार मनीष व काँग्रेस से विजय ठाकुर के बीच चुनावी जंग हो सकती है।

वार्ड 2 के महिला रिजर्व होने से भाजपा से वर्तमान पार्षद सुषमा शर्मा खुश है जबकि काँग्रेस से पूर्व में चुनाव लड़े सुभाष वरमानी व रोहित शर्मा की उम्मीदों पर पानी फिर गया है। जबकि पूर्व में शहरी कांग्रेस अध्यक्ष रहे जतिन साहनी के परिवार से भी कोई चुनाव लड़ सकता है। 

वार्ड 3 के महिला रिजर्व होने से काँग्रेस से वर्तमान पार्षद पार्वती तनवर का चेहरा जरूर खिल गया होगा जबकि चुनाव की तैयारी कर रहे भाजपा से मनोनीत पार्षद गौरव जरूर निराश हो गए। काफी समय से वो फील्ड में डटे हुए थे लेकिन अब वो निगम में पार्षद बनने से बाहर हो गए है।

वार्ड 4 के महिला रिजर्व होने से काँग्रेस से पूर्व में पार्षद रहे राजीव ठाकुर एक बार फिर पार्षद नहीं बन पायेंगे पिछली बार भी उनका वार्ड एससी महिला के लिए आरक्षित हो गया था। जबकि वर्तमान में भाजपा से पार्षद स्वाति का इस बार महिला ओपन होने से चुनाव लड़ने में संशय है। भाजपा इस बार शकुंतला शर्मा व राकेश शर्मा में से किसी एक पर पर दाव खेल सकती है जबकि काँग्रेस ने अपने पते अभी नहीं खोले है।

वार्ड 5 इस बार सबसे हॉट वार्ड हो सकता है । यहां से भाजपा से पूर्व नगर परिषद अध्यक्ष पवन गुप्ता के चुनाव लड़ने की चर्चा है जबकि निर्दलीय के तौर पर भूषण परिवार से कोई चुनाव लड़ता है। सभी की निगाहें इसी वार्ड में लगेगी। फिलहाल इस वार्ड के ओपन होने से किसी को कोई झटका नहीं लगा ।

वार्ड 6 के महिला रिजर्व होने से भाजपा से मनोनीत पार्षद भरत साहनी सबसे ज्यादा आहत हुए होंगे। वो अपनी जीत को लेकर काफी आश्वस्त थे लेकिन इस रोस्टर ने उनकी उम्मीदों को धराशाई करके रख दिया। देखना होगा अब भरत अपनी पत्नी को उतारते है या भाजपा से पिंकी भूटानी मैदान मे उतरती है। काँग्रेस से वर्तमान पार्षद सत्या वर्मा का भी इस बार चुनाव को लेकर रुख साफ नहीं है। जबकि शीतल गुप्ता भी काँग्रेस से उम्मीदवार हो सकती है।  

वार्ड नंबर- 7 एस.सी.महिला रिजर्व होने से भाजपा से वर्तमान पार्षद मुकेश वर्मा उर्फ डिल्ली भाई व काँग्रेस से पूर्व नगर परिषद कुल राकेश पंत व भूषण को झटका लगा है। यहां से सोना नाहर चुनाव लड़ सकती है।

वार्ड नंबर- 8 ओपन होने से हो सकता है इस बार भी जंग पिछले चुनावों की तरह काँग्रेस व भाजपा के पूर्व नगर परिषद अध्यक्षों के बीच हो। पवन गुप्ता और पूनम ग्रोवर आमने सामने हो सकते है लेकिन गुप्ता के कयास वार्ड 5 के ही लगाए जा रहे है। वहीं इस बार भाजपा से युवा नेता तिलकराज शर्मा भी मैदान में उतरने की तैयारी में है।

वार्ड नंबर- 9 ओपन यहां से काँग्रेस से पुनीत शर्मा व भाजपा से शैलेंद्र गुप्ता चुनाव लड़ सकते है। अभी पुनीत शर्मा वहां से इलेक्टेड पार्षद है जबकि शैलेंद्र गुप्ता मनोनीत पार्षद है। तृप्ता लांबा भी इस बार चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। 

वार्ड नंबर- 10 महिला रिजर्व होने से भाजपा की इंदु सूद खुश है जबकि काँग्रेस के शहरी अध्यक्ष अंकुश सूद जरूर मायूस इस रोस्टर से हो सकते है। अंकुश भी अपनी पत्नी को वहां से लड़ाते है ये देखना होगा।

वार्ड नंबर- 11 ओपन से सबसे ज्यादा खुश वर्तमान अध्यक्ष देवेन्द्र ठाकुर होंगे। जबकि वार्ड के ओपन होने से कृष्णा ठाकुर जरूर निराश हो सकती है। काँग्रेस से इस बार भी अश्वनी बतरा उम्मीदवार हो सकते है।

वार्ड नंबर- 12 के महिला रिजर्व होने से भाजपा की मधु कौशिक व कॉंग्रेस से उषा शर्मा के चेहरे खिल सकते है जबकि निगम में पहुँचने की उम्मीद लगाए सुनील जग्गा जरूर परेशान व निराश हो सकते है। इस बात की भी संभावना जताई जा रही है की जग्गा भी अपनी पत्नी को चुनाव में उतारने का मन बना चुके है। अगर ऐसा हुआ तो उषा शर्मा को झटका लग सकता है क्योकि उनके आपस मे अच्छे संबंध है फिर वो मैदान मे नहीं उतरेगी और उनके पार्षद बनने के सपने पूरे नहीं हो पाएंगे। पत्रकार अमरप्रीत व ईश्वर दता को भी इस रोस्टर ने मायूस किया वो दोनों भी चुनाव लड़ने को लेकर आतुर थे।

वार्ड नंबर- 13 एस.सी रिजर्व होने से भाजपा की 6 बार से पार्षद रही वर्तमान में नगर परिषद की उपाध्यक्ष थोड़ी बहुत परेशान जरूर हो सकती है। लेकिन उनके विजयी रथ को रोकना काँग्रेस के लिए चुनौतीपूर्ण होगा। काँग्रेस इस बार मीरा आनंद के ही खास “नीटू” को ही उनके सामने कर सकती है यही बात उनके लिए थोड़ी परेशान करने वाली होगी।

वार्ड नंबर- 14 के ओपन होने से पूर्व पार्षद राजीव कौड़ा की बांछे जरूर खिल गई । पिछली बार वो महिला वार्ड रिजर्व होने के कारण चुनाव नहीं लड़ सके थे और उन्होने अपनी माता सुलक्षणा कौड़ा को जीताकर नगर परिषद भेजा था। भाजपा ने भी वहां से नरेश गांधी को मनोनीत पार्षद बनाकर कौड़ा के लिए एक विकल्प के तौर पर खड़ा किया था । इस बार दोनों मे जंग देखने को मिल सकती है।

वार्ड नंबर- 15 महिला रिजर्व होने से बादल नाहर चिंता मे नजर आ रहे है इस बार फिर वो अपनी पत्नी सोना नाहर को मैदान मे उतार सकते है। लेकिन भाजपा सुनीता ठाकुर को मैदान मे उतार सकती है व सोना नाहर को वार्ड 7 से चुनाव लड़ा सकती है। क्योकि वार्ड मे बदलाव के कारण सोना नाहर का बहुत सा हिस्सा वार्ड 7 में चला गया है।  

वार्ड नंबर- 16 एस.सी.महिला के लिए रिजर्व हुआ है। पहली बार यहां का एरिया निगम मे जुड़ा है और इसमे रबौन-आंजी का हिस्सा जुड़ा है। वार्ड नंबर 1 की भाजपा से पार्षद नीलम यहां से चुनाव लड़ सकती है उनके पुराने वार्ड का भी हिस्सा इस क्षेत्र मे आया है।  

वार्ड नंबर- 17 भी ओपन वार्ड बना है । यहां से काँग्रेस से सरदार सिंह ठाकुर और विकास ठाकुर मे से किसी एक पर पार्टी अपना आशीर्वाद दे सकती है जबकि भाजपा राजकुमार, नीलकमल और परिहार, संजीव पाराशर को उम्मीदवार बना सकती है।

कुछ ही दिनों मे चेहरे भी सामने आ जाएंगे कि कौन चुनाव लड़ेगा या फिर सपोर्ट करेगा। लेकिन गुटों मे बंटी दोनों पार्टियों के नेता अपने लोगों को टिकट दिलाने की जुगाड़ मे अभी से डट जाएंगे। देवेन्द्र ठाकुर और पवन गुप्ता के वार्ड ओपन होने से खींचतान भाजपा मे ज्यादा हो सकती है जबकि कुल राकेश पंत के वार्ड रिजर्व होने से काँग्रेस मे कम ।

फिलहाल सर्दियों के मौसम मे राजनीति की गर्माहट लोगों के लिए टाईम पास करने का जरिया बनकर तपिश जरूर दे जाएगी ।   

Anju

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