उपायुक्त सोलन के.सी. चमन ने कहा कि देश एवं प्रदेश में कृषक उत्पादक संगठन (एफपीओ) स्थापित होने से किसानों को नियमित आय उपलब्ध होगी तथा समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास का मार्ग प्रशस्त होगा। के.सी. चमन आज यहां कृषक उत्पादक संगठनों के सम्बन्ध में गठित जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की प्रथम बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कृषक उत्पादक संगठन स्थापित करने का मुख्य उद्देश्य दक्ष, किफायती एवं समग्र संसाधन प्रयोग के माध्यम से कृषि उत्पादन को बढ़ाना तथा कृषि उत्पादन के लिए उचित विपणन आधार प्रदान कर किसानों को समुचित मूल्य उपलब्ध करवाना है।
उपायुक्त ने कहा कि योजना के तहत कृषक उत्पादक संगठनों में प्रभावी दक्षता विकास के लिए कार्य किया जाएगा। इससे कृषक उत्पादक संगठनों में कृषि आधारित उद्यमिता का विकास होगा, जो इन्हें आर्थिक रूप से सशक्त एवं आत्मनिर्भर बनने में सहायता करेगा। उन्होंने कहा कि आरम्भ में कृषक उत्पादक संगठनों को गठित एवं प्रोत्साहित करने का कार्य लघु कृषक कृषि व्यापार संघ, राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) तथा राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) के माध्यम से किया जाएगा। कृषक उत्पादक संगठनों के लिए ऋण गारन्टी निधि का प्रबन्धन एवं रख-रखाव नाबार्ड तथा एनसीडीसी द्वारा किया जाएगा।
के.सी. चमन ने कहा कि जिला स्तर पर योजना के प्रभावी अनुश्रवण के लिए उपायुक्त की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है। बैठक में सोलन जिला में योजना के बेहतर कार्यान्वयन के लिए विस्तृत चर्चा की गई। जिला में योजना के तहत गठित समिति के सदस्य सचिव एवं नाबार्ड के डीडीएम अशोक चैहान ने प्रस्तुतिकरण के माध्यम से योजना के विभिन्न पहलुओं से अवगत करवाया। एनसीडीसी के क्षेत्रीय प्रबन्धक राकेश वर्मा ने कृषक उत्पादक संगठन योजना में एनसीडीसी की भागीदारी पर प्रकाश डाला। अतिरिक्त उपायुक्त सोलन विवेक चन्देल, भारतीय प्रशासनिक सेवा की परिवीक्षाधीन अधिकारी रितिका, जिला राजस्व अधिकारी केशव राम, आतमा के परियोजना अधिकारी डी.पी. गौतम, कृषि, बागवानी सहित अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी तथा बैंक प्रतिनिधि उपस्थित थे।
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