पर्यटकों को राज्य में प्रवेश की सशर्त अनुमति दी गई है। कुछ शर्तें पूरी करने पर सैलानी प्रदेश में बिना किसी रोक-टोक के आ सकेंगे। कोरोना की नेगेटिव रिपोर्ट वाले पर्यटकों को होटलों में कम से कम 5 दिन की बूकिंग होने पर आने की अनुमति मिलेगी। पर्यटकों का प्रदेश की सीमा में दाखिल होने से 72 घंटे पहले तक कराया गया कोविड टैस्ट का परिणाम नेगेटिव रहने पर संस्थागत क्वारंटीन होने की जरूरत नहीं होगी। पर्यटकों के लिए यह भी अनिवार्य होगा कि आईसीएमआर से पंजीकृत लैब से ही उनकी कोरोना की रिपोर्ट होनी चाहिए।
बता दें कि राज्य सरकार ने कोरोना की वजह से इसी साल मार्च के तीसरे सप्ताह में पर्यटकों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया था। पर्यटकों के आने पर लगी रोक से राज्य का पर्यटन उद्योग प्रभावित होने से सरकार के राजस्व को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। समर सीजन में पर्यटकों से खचाखच भरे रहने वाले शिमला और मनाली में इस बार सन्नाटा छाया हुआ है। पर्यटकों के दरवाजे बंद होने से यहां के होटल मालिक सितम्बर माह तक होटल बंद रखने का निर्णय ले चुके है। अब नई गाइडलाइन जारी कर सरकार ने पर्यटन कारोबारियों को बड़ी राहत दी है।
गाइडलाइन के मुताबिक बाहरी राज्यों से प्रदेश में आने के लिए अब ई-पास बनवाने की जरूरत नहीं होगी। हालांकि ऐसे लोगों को कोविड ई-पास सॉफ्टवेयर पर ऑनलाइन रजिस्टेशन करवानी अनिवार्य रहेगी। अब आवेदक को सिर्फ वेबसाइट पर जाकर जानकारी देनी होगी तथा ऑटो जेनेरेटिड स्लिप प्राप्त करनी होगी। आवेदन को संबंधित डीसी से अनुमति की आवश्यकता नहीं होगी। स्लिप में पंजीकरण नंबर, क्यूआर कोड तथा आवेदक के पत्ते सहित अन्य जानकारी होगी। इंटर स्टेट बार्डर पर क्यूआर कोड की स्कैनिंग की जाएगी तथा बैरियर पर दर्ज होने वाली जानकारी जिला प्रशासन के साथ अन्य हितधारकों को प्रदान की जाएगी।
राज्य में अनलॉक का दूसरा चरण 31 जुलाई तक रहेगा।
इस दौरान पब्लिक टांसपोर्ट के इंटर स्टेट मूवमेंट पर पहले की तरह रोक बरकरार रहेगी। सरकार ने धार्मिक स्थलों को भी खोलने का निर्णय लिया है। हालांकि इसके लिए भाषा व संस्कृति विभाग अलग से एसओपी जारी करेगा। रेस्टोरेंट और ढाबों में 60 फीसदी सिटिंग कैपेसिटी तय की गई है। राज्य के मेडिकल कॉलेज फाइनल ईयर के विद्यार्थियों के लिए खुलेंगे। कोरोना के रेड जोन वाले शहरों से हिमाचल आने वालों को पहले की तरह संस्थागत क्वारेंटाइन में रहना होगा। गंभीर बीमार, गर्भवती, परिवार में मृत्यु और मरीज होने की सूरत में उन्हें 14 दिन का होम क्वारेंटाइन होना पड़ेगा। सरकार ने शिक्षण संस्थानों को क्वारेंटाइन केंद्र न बनाने का फैसला लिया है। इनकी जगह पर भवनों, होटलों और गैस्ट हाउसों को क्वारेंटाइन केंद्र बनाया जाएगा।
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