9 माह बाद पैतृक गांव पहुंचा किन्नौर के तराण्डा गांव के शहीद रोहित नेगी की पार्थिव देह

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किन्नौर के तराण्डा गांव के शहीद हवलदार रोहित नेगी की पार्थिव देह नौ महीने बाद मंगलवार को उनके पैतृक गांव पहुंच गई है। अक्तूबर 2023 के पहले सप्ताह में कश्मीर सीमा पर एक अभियान के दौरान बर्फानी तूफान की चपेट में आने से रोहित नेगी अपने साथियों के साथ हिमखंड में दब गए थे। उस समय उनके एक साथी का शव तो मिल गया था, लेकिन रोहित और अन्य साथी बर्फ में दफन हो गए थे।

नौ महीने बाद, भारतीय सेना ने तीन दिन पहले रोहित नेगी पुत्र अमर सिंह का पार्थिव शरीर खोज निकाला। शहीद रोहित नेगी ने कश्मीर सीमा पर अपनी सेवाएं देते हुए अपने प्राणों की आहुति दी थी। भारतीय सेना ने उनके पार्थिव शरीर को 8 जुलाई को कारगिल से लेह लाया गया। वहां से चंडीगढ़ और फिर चोलिंग पहुंचाया गया। चोलिंग से वाहन मार्ग द्वारा पार्थिव देह उनके पैतृक गांव तराण्डा लाई गई। मंगलवार को पूरे सैन्य सम्मान के साथ शहीद रोहित नेगी का अंतिम संस्कार किया गया।  रोहित नेगी की शहादत से उनके परिवार, गांव समेत प्रदेश में शोक की लहर है। उनकी वीरता और बलिदान को हमेशा याद रखा जाएगा। उनका साहस और देशभक्ति युवाओं को सदैव प्रेरित करता रहेगा। मंगलवार को रोहित नेगी अमर रहे के नारों से तराण्डा गांव गूंज उठा।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक