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2300 करोड़ के फर्जी क्रिप्टो घोटाले पर ईडी का शिकंजा, हिमाचल–पंजाब में 8 ठिकानों पर छापेमारी

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हिमाचल प्रदेश से जुड़े एक बड़े फर्जी क्रिप्टो करेंसी पोंजी और मल्टी लेवल मार्केटिंग (MLM) घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सख्त कार्रवाई की है। ईडी शिमला ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत हिमाचल प्रदेश और पंजाब में कुल आठ ठिकानों पर छापेमारी की। जांच में सामने आया है कि इस घोटाले के जरिए हिमाचल और पंजाब के लाखों लोगों से करीब 2300 करोड़ रुपये की ठगी की गई।

    ईडी ने यह जांच हिमाचल प्रदेश और पंजाब के विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज कई एफआईआर के आधार पर शुरू की थी। इन मामलों में सुभाष शर्मा को इस फर्जी क्रिप्टो घोटाले का मास्टरमाइंड बताया गया है। सुभाष शर्मा वर्ष 2023 में देश छोड़कर फरार हो गया था। उसके अलावा कई अन्य सहयोगियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता, चिट फंड अधिनियम, 1982, अनियमित जमा योजनाओं पर प्रतिबंध अधिनियम, 2019 और अन्य संबंधित कानूनों के तहत मामले दर्ज हैं।

  ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों ने कोर्वियो, वॉस्क्रो, डीजीटी, हाइपनैक्स्ट और ए-ग्लोबल जैसे नामों से फर्जी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म शुरू किए। इन प्लेटफॉर्मों के जरिए हिमाचल प्रदेश सहित अन्य राज्यों के भोले-भाले निवेशकों को बहुत ज्यादा मुनाफे का लालच दिया गया। हकीकत में ये सभी प्लेटफॉर्म न तो पंजीकृत थे और न ही किसी तरह से नियंत्रित। इनका संचालन पूरी तरह पोंजी स्कीम की तरह किया गया, जिसमें नए निवेशकों से ली गई रकम से पुराने निवेशकों को भुगतान किया जाता था।

     जांच के दौरान यह भी सामने आया है कि आरोपियों ने बार-बार फर्जी क्रिप्टो प्लेटफॉर्म बनाए, उनके टोकन की कीमतों में मनमानी तरीके से हेरफेर किया और जब शक बढ़ा तो प्लेटफॉर्म बंद कर नए नाम से दोबारा शुरू कर दिए, ताकि धोखाधड़ी छिपाई जा सके। निवेशकों से जुटाई गई बड़ी रकम को ठिकाने लगाने के लिए नकद लेन-देन किया गया। इसके लिए नामी बिल्डरों, शेल कंपनियों और आरोपियों व उनके रिश्तेदारों के निजी बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया।

    ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि इस पोंजी स्कीम में कई लोग कमीशन एजेंट के रूप में काम कर रहे थे। ये लोग नए निवेशकों को योजना में जोड़ने के बदले करोड़ों रुपये का कमीशन कमा रहे थे। लोगों को आकर्षित करने के लिए विदेश यात्राओं का लालच दिया गया और बड़े स्तर पर प्रचार कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनका इस्तेमाल योजना को फैलाने के लिए किया गया।

     मामले में एक अहम खुलासा यह भी हुआ है कि 4 नवंबर 2023 को सक्षम प्राधिकारी द्वारा संपत्तियों को फ्रीज करने के आदेश जारी किए गए थे। ये आदेश पंजाब सरकार के वित्त सचिव, अदालत और राजस्व अधिकारियों को भी भेजे गए थे। इसके बावजूद हिमाचल प्रदेश पुलिस द्वारा 2025 में गिरफ्तार किए गए आरोपी विजय जुनेजा ने कानून की अनदेखी करते हुए पंजाब के जीरकपुर में स्थित 15 प्लॉट बेच दिए।

    ईडी की छापेमारी के दौरान तीन लॉकरों को फ्रीज किया गया है और लगभग 1.2 करोड़ रुपये की बैंक जमा और फिक्स्ड डिपॉजिट जब्त किए गए हैं। इसके साथ ही कई महत्वपूर्ण दस्तावेज, डिजिटल उपकरण, निवेशकों का डाटा, कमीशन से जुड़े रिकॉर्ड और अचल संपत्तियों में निवेश से संबंधित कागजात भी बरामद किए गए हैं। इनमें कई बेनामी संपत्तियों से जुड़े सबूत भी शामिल हैं, जो पोंजी स्कीम से कमाई गई रकम से खरीदी गई थीं। ईडी का कहना है कि यह मामला बड़े पैमाने पर धन शोधन से जुड़ा हुआ है और इसमें हिमाचल प्रदेश के बड़ी संख्या में निवेशक प्रभावित हुए हैं। मामले की जांच अभी जारी है और आने वाले समय में और भी कार्रवाई की जा सकती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक