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2 माह बाद भाजपा की हार का जिन्न आया बाहर, किसी को मिले चुनाव लड़ने के पैसे तो किसी से वसूले झंडे व डंडे के भी पैसे

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सोलन नगर निगम मे भाजपा को मिली हार को करीब 2 माह का समय हो चुका है। लेकिन हार व जीत की ज़िम्मेदारी किसके मत्थे फ़ौड़ी जाए इसका इंतजार सभी भाजपा की टिकट मे चुनाव लड़ चुके प्रत्याशी कर रहे थे। उन्हे जैसे ही इसका मौका मिला उन्होने अपनी भड़ास निकालने की पूरी कोशिश करी। हार व जीत के कारणों से ज्यादा समीक्षा बैठक में सभी प्रत्याशी पैसे के लेन-देन का जिक्र सोलन प्रभारी पायल वैध्य व पूर्व सांसद कृपाल परमार से करते रहे।

इस समीक्षा बैठक की सूचना किसी को न मिले इसलिए गुपचुप तरीके से शहर से दूर बिजली बोर्ड के रेस्ट हाउस मे इसका आयोजन किया गया। जिसमे भाजपा की टिकट से लड़े सभी 17 प्रत्याशी व वार्ड प्रभारी वहां पहुंचे। सबसे अलग-अलग मुलाक़ात की गई लेकिन अधिकतर के सुर पैसे को लेकर ही थे। जिनको पैसे मिले और वो हार गए उन्होने अपनी हार का ठीकरा भीतरघात का लगाया व कई ऐसे भी थे जिन्होने कहा कि उन्हे पैसे देना तो दूर उनसे मुख्यमंत्री की मीटिंग से लेकर झंडे व डंडे तक के पैसे लिए गए। यहीं नहीं मार्केट मे मिलने वाले समान के मूल्य से ज्यादा उनसे वसूली की गई। पैसे देने को लेकर पिक एंड चूज किया गया। अपने चहेते उम्मीदवारों को चुनाव लड़ने के लिए खुला पैसा दिया गया जभी उन्हे फूटी कौड़ी तक नहीं दी गई। उनका कहना था कि अगर उन्हे भी पैसा मिलता तो आज नगर निगम मे भाजपा का कब्जा होता कुछ नेताओं के कारण आज यहां हार का मुंह देखना पड़ा है। जिन लोगों ने टिकट वितरण से लेकर पैसा वितरण अपने हिसाब से किया आज उन्ही के कारण कांग्रेस की जीत हुई है। अच्छा तो ये है कि कांग्रेस की जीत का श्रेय ही उन्हे देना चाहिए। अगर ये लोग नहीं होते तो आज कांग्रेस बाहर होती व कुछ सीटों मे ही सिमट जाती।

जानकारी के अनुसार कुछ पार्षदों को एक नेता द्वारा फोन करके एक दिन पहले ही बोल दिया गया था कि आपको मीटिंग मे क्या बोलना है और क्या नहीं। हार का ठीकरा उनके सर पर न फोड़ा जाए इसको लेकर अब कुछ नेता डरने भी लगे हुए है क्योकि पार्टी को मजबूत करने के लिए शिमला मे हिमाचल भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना मीटिंग कर रहें है जिसमें मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, अनुराग ठाकुर सहित शीर्ष पार्टी नेतृत्व भाग ले रहा है। उन्हे डर है कहीं उनका नाम अविनाश राय खन्ना के दरबार तक न पहुंच जाए। 

इतना जरूर है इस बैठक की रिपोर्ट पार्टी मे पायल वैध्य व कृपाल परमार क्या देंगे इस पर सभी की नजर लगी हुई है लेकिन पार्टी आगामी चुनाव को लेकर गंभीर जरूर दिख रही है ये जमीनी स्तर पर दिखना शुरू हो गया है। रुठों को मनाने व गीले शिकवे मिटाने के लिए पार्टी मैदान मे आ गई है फिलहाल ऐसा दिख जरूर रहा है।    

 

 

 

 

 

 

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक