1864 में इस स्कूल को झेलना पड़ा था विभाजन का दंश, आज देश में है विख्यात….

Spread the love

gss and chelis merry school shimla

हिमाचल की राजधानी शिमला वृतानिया हकूमत के समय भारत की ग्रीष्मकालीन राजधानी भी रही है. मैदानी इलाकों की धूल मिट्टी से बचने के लिए अंग्रेजों ने शिमला को अपनी राजधानी बनाया था. उस दौरान अंग्रेजों ने शिमला तक रेल लाइन, पोस्ट ऑफिस आलीशान दफ्तर व स्कूल भी बनाएं. इन स्कूलों में नवबाहर स्थित जीसस एंड मैरी चेल्सी स्कूल भी एक है. 1864 में, ब्रिटिश सैनिकों के बच्चों के लिए एक अनाथालय के रूप में “मदर सेंट लुईस गोंजागा” की देखरेख में चेल्सी की स्थापना की गई थी।

   

इस स्कूल को भी भारत -पाक के विभाजन का दंश झेलना पड़ा था. सन 1947 में भारत के विभाजन की काली छाया इस स्कूल पर भी पड़ी थी. कहा जाता है की उस समय चेल्सी स्कूल में 50 फ़ीसदी बच्चे वर्तमान में पाकिस्तान के भी पढ़ा करते थे. लेकिन जैसे ही भारत के विभाजन की चिंगारी सुलगी स्कूल में पढ़ने वाले विद्यार्थीयों सहित पढ़ाने वाले शिक्षकों व कर्मियों को भारत छोड़कर पाकिस्तान पलायन करना पड़ा था. इन्हें भारतीय सेना द्वारा पाकिस्तान तक सुरक्षित पहुंचाया गया था.

   

शिमला के नव बाहर स्थित चेल्सी स्कूल ब्रिटिश काल में अंग्रेजों द्वारा बनाया गया था . इस स्कूल में केवल तत्कालीन ब्रिटिश सरकार में कार्यरत सैनिकों के अनाथ बच्चे ही पढ़ा करते थे. इस स्कूल की नीव अंग्रेजों ने सन 1864 में रखी. अप्रेल 1946 को स्कूल में आग लगने की वजह से ये स्कूल जलकर राख हो गया. उस दौरान “Eagle Mount” में कुछ वर्ष तक कक्षाएं लगी. बाद में यहाँ आलीशान स्कूल बनाया गया.आज इस स्कूल में सैकड़ों लड़कियां पढ़ती है. अब यह स्कूल मात्र छात्राओं के पढ़ने के लिए है.

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक