14,800 फ़ीट से रेस्क्यू किया गया अमेरिकी पैराग्लाइडर का श#व

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हिमाचल प्रदेश के जनजातीय जिला लाहौल-स्पीति में आईटीबीपी (ITBP) के जवानों ने पुलिस व एसडीआरफ (SDRF) की टीम के साथ एक खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन (Rescue Operation) को अंजाम दिया है। आईटीबीपी के जवानों ने अपनी जान को दांव पर लगाकर एक अमेरिकी पैराग्लाइडर (American Paraglider) के शव को रेस्क्यू किया है।

48 घंटों के इस खतरनाक रेस्क्यू ऑपरेशन में रेस्क्यू दलों ने कड़ी मशक्कत के बाद अमेरिकी पैराग्लाइडर के शव को 14,800 फ़ीट की ऊंचाई पर खड़ी चट्टान से रेस्क्यू किया है। आईटीबीपी ने इसके वीडियो भी साझा किए हैं, जिसमें साफ तौर पर देखा जा सकता है कि जरा सी गलती जान पर भारी पड़ सकती थी। लेकिन जवानों ने बड़ी ही सतर्कता से इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया।

दरअसल, 11 जून को  31 वर्षीय अमेरिका के पैराग्लाइडर बॉक्सटाहलेर ट्रेवोर ने लाहौल स्पीति के गेटे गांव से उड़ान भरी थी। इस दौरान तेज हवाओं के चलते पैराग्लाइडर एक चट्टान से टकरा गया। 13 जून को पैराग्लाइडर के लापता होने की सूचना मिली थी। इसके बाद से पैराग्लाइडर की तलाश की जा रही थी। 13 जून को विश्व के सबसे ऊंचे मतदान केंद्र टशीगंग में अमेरिकी पैराग्लाइडर की बाइक मिली थी।

पैराग्लाइडर को ढूंढने के लिए ड्रोन की मदद ली गई, जिसमें चट्टानों के बीच पैराग्लाइडर का पैराशूट दिखाई दिया। इसके कुछ ही दूरी पर शव भी पड़ा हुआ था। चूंकि पैराग्लाइडर का शव चट्टानों के बीच फंस गया था, लिहाजा रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए पेशेवर पर्वतारोही की आवश्यकता थी, जो अच्छी तरह से प्रशिक्षित हों और इस प्रकार के इलाके और परिस्थितियों में बचाव अभियान चलाने में विशेषज्ञ हों। इसके लिए आईटीबीपी के जवानों को रेस्क्यू ऑपरेशन में शामिल किया गया। आईटीबीपी की जवानों ने 48 घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद 14,800 फ़ीट गहरी खाई से शव को रेस्क्यू किया।

   लाहौल स्पीति के पुलिस चौधरी मयंक चौधरी ने बताया कि शव को रेस्क्यू कर लिया गया है। साथ ही अमेरिकी एम्बेसी को घटना के बारे में सूचित कर दिया गया था। उन्होंने बताया कि एम्बेसी के कुछ लोग यहां पहुंचे हैं। शव को पोस्टमार्टम के बाद एंबेसी के हवाले कर दिया जाएगा।

ITBP का आधिकारिक बयान
आईटीबीपी ने बताया कि लाहौल स्पीति में काजा के पास लापता हुए अमेरिकी पैराग्लाइडर के शव को 48 घंटे से अधिक समय तक चले सबसे चुनौतीपूर्ण रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद 14,800 फीट की ऊंचाई से नीचे लाया गया है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ और पुलिस की भी सहायता ली गई। इस चढ़ाई में 1,900 फीट की चट्टानी सतह को पार करना शामिल था, जिसके बाद 400 फीट की चट्टान थी, जिसके लिए उच्च तकनीकी कौशल की आवश्यकता थी। 12,500 फीट की सड़क से कुल चढ़ाई 2,300 फीट थी। पार्थिव शरीर को पुलिस स्टेशन काजा ले जाया गया।’

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक