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140 देवी-देवता पहुंचे शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने, देवधुनों से गूंज उठी छोटी काशी

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छोटी काशी मंडी में इस वक्त मंडी जनपद के 140 देवी-देवता शिवरात्रि महोत्सव में शिरकत करने के लिए यहां पहुंच चुके हैं। पूरा मंडी शहर इस वक्त देवी-देवताओं के वाद्ययंत्रों की धुनों से गूंज उठा है। हर गली-चौराहे पर किसी न किसी देवी-देवता का आगमन हो रहा है जिससे पूरा माहौल पूरी तरह से भक्तिमय हो गया है।सर्व देवता समिति के अध्यक्ष शिवपाल शर्मा ने बताया कि 216 पंजीकृत देवी-देवताओं को शिवरात्रि महोत्सव में शामिल होने का निमंत्रण दिया गया है। इसमें से कुछ प्रमुख देवी-देवता पिछले कल यानी 25 फरवरी को मंडी पहुंच गए थे जबकि आज सभी को मिलाकर 140 देवी-देवता मंडी पहुंच चुके हैं। कल इस महोत्सव की पहली भव्य पारंपरिक जलेब यानी शोभायात्रा निकाली जाएगी, जिसमें सिर्फ प्रमुख देवी-देवता ही शिकरत करेंगे। प्रदेश के सीएम भी इसमें शामिल होंगे और इस महोत्सव का शुभारंभ करेंगे।

हर देवी-देवता पहले राज माधव के पास आकर भरते हैं हाजरी…
शिवरात्रि महोत्सव में जितने भी देवी-देवता शिकरत करने आते हैं वे सभी सबसे पहले राज माधव राय मंदिर में जाकर हाजरी भरते हैं और उसके बाद राज परिवार के पास मिलने के लिए जाते हैं। सर्व देवता समिति के अध्यक्ष शिव पाल शर्मा ने बताया कि यह प्रथा सदियों से चली आ रही है जिसका निर्वहन आज भी उसी तरह से होता है।

भव्य देव मिलन को देखने का बेसब्री से रहता है इंतजार…
महोत्सव में शामिल होने के लिए आने वाले देवी-देवता खुद भी एक-दूसरे के साथ इस महोत्सव में ही मिल पाते हैं। इसलिए जब यह देवरथ आपस में मिलते हैं तो इनके मिलन का नजारा अद्भुत और अलौकिक होता है। इस दृश्य को देखने के लिए लोग बड़ी संख्या में उमड़ते हैं। स्थानीय निवासी रजनीश ठाकुर ने बताया कि वे इस अलौकिक दृश्य को देखने का बेसब्री से इंतजार करते हैं। यह इकलौता ऐसा महोत्सव है जहां पर 200 से अधिक देवी-देवताओं को एक स्थान पर देखने और उनका आशीवार्द लेने का मौका मिलता है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक