116 दवा निर्माण कंपनियों को निलंबन, रद्दीकरण व निर्माण रोकने के आदेश

Spread the love

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री कर्नल डाॅ. धनीराम शांडिल ने कहा कि निरीक्षण अधिकारियों द्वारा जनवरी 2023 से अक्तूबर, 2024 तक 22 माह की अवधि में 142 निरीक्षण किए गए। यह निरीक्षण राज्य निरीक्षण अधिकारियों ने केंद्रीय निरीक्षण अधिकारियों के साथ संयुक्त रूप से किए हैं, जिसके तहत दवाएं मानकों पर सही न पाई जाने वाली 116 दवा निर्माण कंपनियों के विरुद्ध निलंबन, रद्दीकरण और निर्माण रोकने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। वह औषधि नियंत्रण प्रशासन के अधिकारियों के साथ गुणवत्तापूर्ण दवाओं के संदर्भ में आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण दवाइयां तैयार न करने की स्थिति में दवा कंपनियों के संबंधित उत्पाद को एक से दो माह की अवधि के लिए निलंबित कर दिया जाता है और इसके साथ ही जिन राज्यों में निरीक्षण अधिकारियों के द्वारा ऐसे सैंपल एकत्रित किए गए उनके अधिकार क्षेत्र में कंपनियों के विरुद्ध न्यायालय में कानूनी प्रक्रिया अमल में लाई जाती है। कंपनियों को उनके विनिर्माण प्रक्रिया की समीक्षा के निर्देश जारी किए जाते हैं।

हिमाचल देश का फार्मास्यूटिकल हब, 33 फीसदी दवाओं का होता है निर्माण
मंत्री ने कहा कि हिमाचल देश का फार्मास्यूटिकल हब है और प्रदेश में लगभग 33 प्रतिशत दवाओं का निर्माण किया जाता है। स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा किए गए सर्वे के अनुसार राष्ट्रीय स्तर पर नाट-आफ-स्टैंडर्ड क्वालिटी की प्रतिशतता 3.16 प्रतिशत है, इसकी तुलना में गत तीन वर्षों के दौरान प्रदेश की प्रतिशतता 1.22 प्रतिशत है, जोकि राष्ट्रीय प्रतिशतता से 50 प्रतिशत से भी कम है। उन्होंने कहा कि अवमानक गुणवत्ता के रूप में घोषित किए गए नमूनों से संबंधित डाटा केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन को प्रस्तुत किया जाता है, जिसे नियमित रूप से वैबसाइट में प्रदर्शित किया जाता है ताकि लोगों को अवमानक दवाइयों की जानकारी मिल सके।

पर्ची पर स्टैंप से नशीली दवाओं की बिक्री पर लगेगी रोक
बैठक में प्रदेश के दवा विक्रेताओं को नशे में दुरुपयोग होने वाली संभावित दवाओं की आपूर्ति सुनिश्चित करने पर पर्ची पर स्टैंप लगाने की आवश्यकता पर भी विचार-विमर्श किया गया, ताकि एक ही पर्ची पर बार-बार दवाओं की खरीद को रोका जा सके। स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि बच्चों में नशीली दवाओं की आदत एक गंभीर विषय है। बच्चों को बिना पर्ची के दवाएं उपलब्ध करवाने की दिशा में सख्त कदम उठाने की आवश्यकता है और जनजागरूकता फैलाकर इस प्रकार की समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है। बैठक में स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, राज्य दवा नियंत्रक मनीष कपूर और विभिन्न जिलों के ड्रग नियंत्रक अधिकारियों ने भाग लिया।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक