10 दिन में मंडियों में दस्तक देगा हिमाचली सेब, निचले इलाकों की अर्ली वैरायटी तैयार

Spread the love

हिमाचल प्रदेश के कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों में 10 दिन बाद सेब सीजन शुरू होगा, लेकिन सरकार की तैयारियां आधी अधूरी ही हैं। सरकार ने कार्टन और अन्य पैकिंग सामग्री के लिए भले ही रेट आमंत्रित किए हैं, लेकिन अभी सेब कार्टनों के दाम तक तय नहीं कर पाई है। बागवानों का कहना है कि प्रदेश के कम ऊंचाई वाले इलाकों में अर्ली वैरायटी के सेब का तुड़ान 15 जून से शुरू हो जाता है। इसके बाद सेब मंडियों में पहुंचाया जाता है। सीजन शुरू होने में दस दिन का ही समय बचा है। रेड चीफ और टाइडमैन सेब सबसे पहले बिकने के लिए मंडियों में पहुंचता है।

सेब सीजन हिमाचल

प्रदेश के बागवानों के लिए सरकार पहले अप्रैल में सेब कार्टन और पैकिंग ट्रे के रेट तय करती थी, लेकिन अभी तक कंपनियों के रेट निर्धारित नहीं हुए हैं। हालांकि, कंपनियों ने 1 जून तक रेट के लिए टेंडर मांगे गए थे।बागवानों का कहना है कि अमूमन सेब ढुलाई का भाड़ा भी प्रशासन पहले ही तय कर लेता है, जिससे बाद में परेशानी न हो, लेकिन इस बार भाड़ा भी अभी तय नहीं है। एचपीएमसी के महाप्रबंधक भुवन शर्मा ने कहा कि कंपनियों से रेट मांगे जा चुके हैं। कोरोना के कारण टेंडर देरी से आए हैं। शीघ्र कार्टनों के रेट तय हो जाएंगे।

क्या कहते हैं बागवानी नेता
हिमाचल प्रदेश किसान संघर्ष समिति के महासचिव संजय चौहान कहते हैं कि बागवानों के लिए कार्टन के रेट तय नहीं हो पाए हैं। एडवांस बुकिंग करने पर कार्टन 62 से 74 रुपये में मिल रहा है। पिछली बार यह  48 से 52 रुपये में मिला था। जब अफगानिस्तान और ईरान से क्रेट में सेब आ सकता है तो फिर यह हिमाचल से बाहर मंडियों में क्रेट में क्यों नहीं बेचा जा सकता। क्रेट में सेब बेचकर क्रेट बार-बार प्रयोग कर सकते हैं। यह 130 रुपये में मिल जाता है।

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक