10वीं की परीक्षा में नादौन की रिद्धिमा शर्मा बनीं स्टेट टाॅपर, डॉक्टर बनना सपना

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हिमाचल प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड ने 10वीं कक्षा का वार्षिक परीक्षा परिणाम घोषित कर दिया है। दसवीं कक्षा की मेरिट में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या नादौन की छात्रा रिद्धिमा शर्मा ने प्रथम स्थान हासिल किया है।

रिद्धिमा शर्मा ने 700 में 699 यानी 99.86 प्रतिशत अंक हासिल किए हैं। रिद्धिमा शर्मा ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता और गुरुजनों को दिया है। उन्होंने कहा कि वह डॉक्टर बनना चाहती हैं।  रिद्धिमा ने 11वीं कक्षा में मेडिकल संकाय में प्रवेश लिया है।

10वीं कक्षा की टाॅप-10 मेरिट सूची में भी बेटियों ने बाजी मारी है। टाॅप-10 मेरिट सूची में कुल 92 विद्यार्थी शामिल हैं। इनमें से 71 छात्राएं हैं। 12वीं कक्षा की तरह 10वीं की मेरिट में भी बेटियों ने परचम लहराया है। बोर्ड ने मंगलवार को 2024 में संचालित की गई दसवीं कक्षा के नियमित, अतिरिक्त विषय, श्रेणी सुधार व अनुपूरक परीक्षा का परिणाम घोषित किया किया गया। परीक्षा परिणाम 74.51 फीसदी रहा है। 91,622 विद्यार्थियों ने यह परीक्षा दी थी। इनमें से 67,988 पास हुए। 10474 की कंपार्टमेंट आई है।

अनन्या बनना चाहती हैं डॉक्टर, मेरिट में हासिल किया नौवां स्थान 
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या की छात्रा अनन्या ने दसवीं कक्षा की मेरिट में नौवां स्थान हासिल किया है। वह डॉक्टर बनना चाहती हैं तथा 11वीं कक्षा में मेडिकल संकाय में प्रवेश लिया है। उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय माता-पिता और स्कूल को दिया है।

मन्नत ने दसवीं कक्षा में टॉप-10 में हासिल किया दसवां स्थान
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला कन्या नादौन की मन्नत ने दसवीं कक्षा की मेरिट में दसवां स्थान हासिल किया है। मन्नत के पिता निजी कंपनी में नौकरी करते हैं जबकि माता गृहिणी हैं। मन्नत डॉक्टर बनना चाहती हैं।

इंजीनियर बनना चाहते हैं मनाली के हेमन व्यास
हिमाचल स्कूल शिक्षा बोर्ड की 10वीं कक्षा की परीक्षा में मेरिट हासिल करने वाले हेमन व्यास इंजीनियर बनना चाहते हैं। 692 (98.86) अंक प्राप्त कर हेमन ने प्रदेशभर में आठवां स्थान प्राप्त किया है। पर्यटन नगरी मनाली के अंतर्गत बुरुआ गांव के हेमल हिमालयन कोनिफर स्कूल बुरुआ के छात्र है। हेमन के पिता खेख बलवीर इसी स्कूल में प्रधानाचार्य हैं जबकि माता कमला देवी शिक्षिका हैं। हेमन ने बताया कि वह इंजीनियर बनना चाहता है। बेटे की उपलब्धि पर माता-पिता गौरवान्वित हुए हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक