होशियार! शिकारी घूम रहे है शिकार करने को सोलन में,लेकिन राणा के चक्रव्यहु को भेदना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है

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होशियार भाई होशियार ! शिकारी घूम रहे है शिकार करने को सोलन में !

लेकिन राणा के चक्रव्यहु को भेदना मुशिकल ही नहीं नामुमकिन है

सोलन नगर निगम चुनाव में बेशक कांग्रेस ने बहुमत का आंकड़ा छू लिया हो, लेकिन भाजपा ने अभी तक भी नगर निगम की सत्ता के लिए हॉट सीट की आस छोड़ी नहीं है। मंगलवार को सोलन नगर निगम कार्यालय में नवनिर्वाचित पार्षदों के लिए शपथ ग्रहण कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन भाजपा के सात व एक निर्दलीय पार्षद ने इससे दूरी बनाए रखी।

साम , दाम दंड भेद सब इस्तेमाल कर डालेगें , ये चाणक्य की सब से खतरनाक निति मानी गयी है ये इसका अर्थ है :
‘दंड’ अर्थात् ‘सजा देकर’ और ‘भेद’ से तात्पर्य ‘तोड़ना’ या ‘फूट डालना’ है।  मतलब किसी से अपनी बातें मनवाने के चार तरीके हो सकते हैं – पहले शांतिपूर्वक समझाकर, सम्मान देकर अपनी बातें मनवाने का प्रयास करो। मान जाए अच्छा है, आपकी भी लाज रहे, मानने वाले की भी. पर अगर न माने, उसे मानने का मूल्य दो। मतलब जो भी उसकी अड़चन हो, उसके अनुसार मूल्य देकर उसे मनाओ. तब भी बात न बने, तो उसे इस मूर्खता के लिए दंडित करो. सितम उन्हें तोड़ेगा। लेकिन फिर भी बात न बने तो आखिरी रास्ता, ‘राजनीति का ब्रह्मास्त्र’ ‘भेद’ का प्रयोग करो; उनमें आपसी वैमनस्य पैदा करो, फूट डालो, वे जरूर मानेंगे. चाणक्य की यह नीति राजनीति शास्त्र की कुछ मूल नीतियों में है

पर “राणा” भी द्रोणाचार्य {जिसने इस व्यहु की रचना की थी } के शिष्य है, वो भी इसका तोड़ भली भांति जानते है !
राणा ने अपना ही एक चक्रव्यहु रच डाला है

राणा के इस अभेद चक्रव्यूह को तोडना ,सोलन के भगवा नेताओं के लिए असंभव प्रतीत हो रहा है ! हो सकता है की राणा की विहु रचना में अभिमानु जैसा कोई फस जाये और फिर उसका राजनीतिक अंत हो जाये। यह राजनीति ही कुछ भी हो सकता है !

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक