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होम स्टे नियमों में बड़ा संशोधन, तीन से दस हजार तक ले सकेंगे कमरे का किराया

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हिमाचल प्रदेश सरकार ने होम स्टे नियमों में बड़ा संशोधन किया है। अब होम स्टे संचालक 3000 से लेकर 10000 रुपए तक प्रति कमरे का किराया वसूल सकेंगे। संशोधित होम स्टे रूल्स 2025 में यह प्रावधान किया गया है, जिससे पर्यटन क्षेत्र में स्वरोजगार को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है। सबसे खास बात यह है कि 10000 रुपए तक के किराए वाले कमरों में दी जाने वाली सुविधाओं के लिए सरकार एक चेक लिस्ट बनाएगी, ताकि पर्यटकों को गुणवत्तापूर्ण आवास मिल सके।

ग्रामीण क्षेत्रों के होम स्टे में बिजली और पानी के घरेलू कनैक्शन मान्य
ग्रामीण क्षेत्रों के होम स्टे संचालकों को इस संशोधन से बड़ी राहत मिली है। दरअसल, फरवरी माह में होम स्टे संचालन को व्यवसायिक गतिविधि मानते हुए बिजली और पानी के व्यवसायिक कनेक्शन अनिवार्य कर दिए गए थे। इस पर ग्रामीण क्षेत्रों के होम स्टे संचालकों ने कड़ी आपत्ति जताई थी, क्योंकि यहां अधिकतर स्थानीय लोग स्वरोजगार के लिए होम स्टे चलाते हैं। उनकी इस मांग को सरकार ने स्वीकार करते हुए 3000 रुपए से कम किराए वाले होम स्टे में बिजली और पानी के घरेलू कनैक्शन को ही मान्य रखने का निर्णय लिया है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में होटल की तर्ज पर चल रहे होम स्टे और बैड एंड ब्रेकफास्ट पर व्यवसायिक दरें लागू रहेंगी। संशोधित होम स्टे रूल्स 2025 की अधिसूचना अगले दो हफ्तों में जारी कर दी जाएगी और राजपत्र में प्रकाशित होने के बाद यह तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएंगे।

 

सिल्वर, गोल्डन और डायमंड श्रेणी में बंटे होम स्टे
प्रदेश सरकार ने होम स्टे और बैड एंड ब्रेकफास्ट को उनकी किराए की सीमा के आधार पर तीन श्रेणियों सिल्वर, गोल्डन और डायमंड में विभाजित किया है। 3000 रुपए तक किराए वाले सिल्वर, 3000 से 10000 रुपए तक गोल्डन और 10000 रुपए से अधिक किराए वाले डायमंड श्रेणी में आएंगे। नए नियमों के तहत सभी होम स्टे और बैड एंड ब्रेकफास्ट को नए सिरे से पंजीकरण करवाना होगा। पहले से पंजीकृत इकाइयों को अपनी वैधता समाप्त होने के बाद नए नियमों के अनुसार शुल्क जमा करना होगा।

 

अवैध संचालन पर अब होगी पुलिस कार्रवाई
वहीं अवैध रूप से होम स्टे चलाने वालों के खिलाफ अब पुलिस केस दर्ज किया जाएगा। नगर निगम, टीसीपी, साडा और नगर पंचायत क्षेत्रों में होम स्टे संचालकों को सीवरेज और गारबेज शुल्क व्यावसायिक दरों पर ही चुकाना होगा। इसके साथ ही अतिथियों के रिकॉर्ड के लिए रजिस्टर, बिल बुक, सीसीटीवी कैमरे, अग्निशमन सुरक्षा उपकरण और वर्षा जल संग्रहण प्रणाली लगाना अनिवार्य होगा। आवेदन करने के 30 दिन के भीतर संचालन की अनुमति मिल जाएगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक