हिमाचल हाईकोर्ट ने कर्मचारियों को दी राहत, अनुबंध सेवाकाल रिकवरी की अधिसूचना पर लगाई रोक
हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार की उस अधिसूचना पर रोक लगा दी है, जिसमें अनुबंध सेवाकाल का वरिष्ठता लाभ लेने वाले कर्मचारियों से वित्तीय रिकवरी करने की बात की गई थी। यह फैसला मंगलवार को हाई कोर्ट की दो जजों की बेंच, न्यायाधीश तरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की अदालत ने सुनाया, जिससे कर्मचारियों को बड़ी राहत मिली।मामला सरकारी कर्मचारी भर्ती एवं सेवा शर्तें संशोधन विधेयक 2024 से जुड़ा हुआ है, जो 20 फरवरी को लागू हुआ था। इसके तहत सरकार ने यह निर्णय लिया था कि वे कर्मचारी, जिन्होंने अनुबंध सेवाकाल के दौरान वरिष्ठता, वेतन वृद्धि, पदोन्नति जैसे लाभ प्राप्त किए हैं, और जिनकी सेवाएं 12 दिसंबर 2003 के बाद नियमित की गई हैं, उनसे वित्तीय रिकवरी की जाएगी। यह फैसला उन कर्मचारियों पर लागू होने वाला था जिनकी सेवाएं सीडब्ल्यूपी संख्या 2004/2017 (ताज मोहम्मद बनाम हिमाचल प्रदेश राज्य) और सीडब्ल्यूपी संख्या 629/2023 के तहत नियमित की गई थीं।
सरकार का यह आदेश कर्मचारियों को असुविधा और वित्तीय दबाव में डालने वाला था। लेकिन हाई कोर्ट ने इस अधिसूचना पर रोक लगाते हुए कर्मचारियों को राहत दी है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि इस मामले में अगली सुनवाई तब तक नहीं होगी, जब तक सरकार इस अधिसूचना के संबंध में कोई अन्य आदेश नहीं देती।
यह निर्णय उन कर्मचारियों के लिए महत्वपूर्ण है जिन्होंने अनुबंध सेवाकाल में वरिष्ठता लाभ लिया था और जिनसे अब वित्तीय रिकवरी की जा रही थी। कोर्ट का यह फैसला कर्मचारियों को राहत देने वाला है और सरकार को फिर से अपनी नीति पर विचार करने का अवसर देता है।