हिमाचल में NTT करने वाले हजारों हो सकते हैं प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती से बाहर

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हिमाचल प्रदेश में नर्सरी टीचर ट्रेनिंग  करने वाले हजारों अभ्यर्थियों  को बड़ा झटका लग सकता है। इसकी वजह ये है कि नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन  ने केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय  के माध्यम से प्रदेश को सूचित किया है कि हिमाचल में कोई भी एनटीटी संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं है।

प्रदेश में दर्जनों संस्थानों द्वारा लंबे अरसे से एनटीटी की पढ़ाई करवाई जा रही है। सवाल इस बात पर भी है कि जब इन संस्थानों को एनसीटीई से मान्यता ही नहीं मिली थी तो ये कोर्स  कैसे करवाए जा रहे थे। प्री प्राइमरी शिक्षक भर्ती में केवल मान्यता प्राप्त शिक्षण संस्थानों से प्रशिक्षण लेने वाले अभ्यर्थी ही मान्य होंगे। बता दें कि हिमाचल के सरकारी स्कूलों में नर्सरी व केजी कक्षाओं को पढ़ाने के लिए लगभग चार हजार एनटीटी शिक्षकों की भर्ती होनी है।

बताया जा रहा है कि शिक्षकों की भर्ती से पहले राज्य ने ही एनसीटीई  से मान्यता प्राप्त संस्थानों की पड़ताल करने के लिए केंद्र से जानकारी मांगी थी। इसी के बाद ये बड़ी जानकारी सामने आई कि हिमाचल में एक भी संस्थान मान्यता प्राप्त नहीं है। केंद्र से हिमाचल के शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को पत्र भेजा गया है।

शिक्षा विभाग द्वारा अब इस जानकारी को कैबिनेट के समक्ष रख सकता है। उम्मीद जाहिर की जा रही है कि 26 मई को प्रस्तावित कैबिनेट बैठक  में इस मसले पर चर्चा हो सकती है। एक अहम जानकारी के मुताबिक 2010 के बाद एनसीटीई द्वारा संस्थानों को मान्यता ही नहीं दी गई।

कई निजी संस्थानों ने दो वर्ष की अवधि का कोर्स जारी रखा। एक मोटी जानकारी के मुताबिक प्रदेश के निजी संस्थानों में एनटीटी का कोर्स करने वालों की संख्या हजारों में हो सकती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक