हिमाचल में 9 जगह खुलेंगे सीएनजी स्टेशन, केंद्र सरकार ने दी मंजूरी

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हिमाचल प्रदेश में अब पैट्रोल पंप में पैट्रोल भरवाने की तरह सीएनजी वाहन मालिक अपने वाहनों में ईंधन भरवा सकेंगे। सीएनजी ईंधन भरवाने को लेकर सीएनजी वाहन मालिकों को कोई परेशानी नहीं होगी। केंद्र सरकार ने हिमाचल में 9 स्थानों पर सीएनजी स्टेशन खोलने की मंजूरी दी है। मौजूदा समय में हिमाचल में सीएनजी केंद्र नहीं है और न ही हिमाचल के लोग इस कारण सीएनजी वाहन खरीदते हैं। वहीं दिल्ली, पंजाब, हरियाणा आदि राज्यों  से हिमाचल में सीएनजी वाहन लेकर आने वाले वाहन चालकों के लिए भी ईंधन भरवाने की कोई सुविधा नहीं थी। इन केंद्रों के खुलने से हिमाचल आने वाले उन पर्यटकों के लिए राहत मिलेगी जिनके पास सीएनजी युक्त वाहन हैं। इन केंद्रों के खुलने के बाद वाहन चालक सीएनजी ईंधन भरवा कर हिमाचल में वाहन चला सकेंगे।

हिमाचल में करीब 90 प्रतिशत पैट्रोल व डीजल से वाहन चलते हैं। वहीं इलैक्ट्रिक वाहनों का भी प्रचलन बढ़ रहा है लेकिन इलैक्ट्रिक वाहन महंगे होने के कारण लोग वह भी कम खरीद रहे हैं। सीएनजी वाहन भी हिमाचल में कम हैं क्योंकि सीएनजी भरवाने की भी सुविधा भी प्रदेश में नहीं है। सीएनजी के लिए हिमाचल में जिन जगहों का चयन किया गया है, उनमें शिमला शहर भी शामिल है। शिमला शहर में आईजीएमसी, शिमला शहर, बीसीएस न्यू आईएसबीटी, सोलन, कालाअंब, पांवटा और चिंतपूर्णी में एक-एक स्टेशन को खोला जाएगा। इन केंद्रों को खोलने के लिए केंद्र सरकार बजट जारी करेगी।

केंद्र सरकार से मंजूरी के बाद शिमला में 5 सीएनजी स्टेशन के अलावा सोलन, कालाअम्ब, पांवटा और चिंतपूर्णी में एक-एक सीएनजी स्टेशन खोला जाएगा। केंद्र सरकार ने इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन और भारत पैट्रोलियम को इन केंद्रों पर खोलने के लिए अधिकृत किया है। इन केंद्रों के खुलने के बाद सीएनजी का इस्तेमाल लोग गाड़ियों और फैक्टरियों में ईंधन के रूप में आसानी से कर सकेंगे।

निदेशक खाद्य एवं आपूर्ति विभाग रामकुमार गौतम ने कहा कि प्रदेश में सीएनजी वाहन मालिकों को ईंधन भरवाने की सुविधा मिलेगी। प्रदेश में 9 जगह सीएनजी स्टेशन खोले जाने हैं। केंद्र सरकार ने इन स्टेशनों को खोलने के लिए मंंजूरी दी है। जल्द इस पर काम शुरू होगा। इससे प्रदेश व बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को सुविधा मिलेगी।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक