हिमाचल में 16 साल बाद जुलाई में सामान्य से छह फीसदी अधिक बरसे बादल
हिमाचल प्रदेश में 16 साल बाद जुलाई में सामान्य से छह फीसदी अधिक बादल बरसे हैं। इस वर्ष जुलाई में 28 दिन बारिश हुई। 12 दिन भारी बारिश और 16 दिन सामान्य व कम बारिश दर्ज हुई। इससे पहले वर्ष 2005 में सामान्य से सात फीसदी अधिक बारिश रिकॉर्ड हुई थी। वर्ष 2006 से 2020 तक जुलाई में सामान्य से कम बारिश ही रिकॉर्ड हुई।
प्रदेश में इस बार जुलाई में हुई भारी बारिश से मैक्लोडगंज, धर्मशाला, किन्नौर, लाहौल स्पीति, कुल्लू और सिरमौर में भारी नुकसान हुआ है। बादल फटने और बाढ़ आने से प्रदेश को 550 करोड़ रुपये की संपत्ति का नुकसान हुआ है। एक दर्जन से अधिक लोगों की जान चली गई है। प्रदेश के कई क्षेत्रों में जनजीवन अभी भी पटरी पर नहीं लौटा है। 16 साल बाद जुलाई में हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश के नदी-नाले उफान पर हैं।
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला ने बताया कि जुलाई में कुल्लू, हमीरपुर, कांगड़ा में सामान्य से अधिक और चंबा और लाहौल में सामान्य से कम बारिश दर्ज हुई। बिलासपुर, किन्नौर, मंडी, शिमला, सिरमौर, ऊना और सोलन में सामान्य बारिश दर्ज हुई। जुलाई में 12 दिन भारी बारिश रिकार्ड हुई। इस माह प्रदेश में कुल 28 दिन बादल बरसे। उधर, ऊना में नौ जुलाई को इस माह का सबसे अधिक 42.5 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकार्ड हुआ।
कई दिन बाद खिली धूप, रविवार को भी बारिश का येलो अलर्ट
हिमाचल में शनिवार को कई दिन बाद धूप खिली। राजधानी शिमला में दोपहर बाद बूंदाबांदी होने के बाद शाम को धूप खिली। रविवार को भी प्रदेश में बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। छह अगस्त तक प्रदेश में मौसम खराब बना रहने का पूर्वानुमान है। शनिवार को डलहौजी में 34, हमीरपुर में 33, चंबा में 19, कसौली में 14, ऊना में चार और शिमला में एक मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड हुई।
शनिवार को बिलासपुर में अधिकतम तापमान 33.0, हमीरपुर में 32.8, ऊना में 32.7, सुंदरनगर में 30.3, कांगड़ा में 29.5, नाहन में 29.3, धर्मशाला में 27.8, भुंतर में 27.7, चंबा में 26.5, शिमला में 22.6, कल्पा में 20.7, डलहौजी में 18.3 और केलांग में 17.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।