हिमाचल में सेब जूस उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 2800 मीट्रिक टन होगी

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एचपीएमसी सेब जूस

हिमाचल प्रदेश में सेब जूस उत्पादन क्षमता बढ़ाकर 2800 मीट्रिक टन की जाएगी। प्रदेश सरकार के उपक्रम हिमाचल प्रदेश उद्यान उपज विपणन एवं विधायन निगम (एचपीएमसी) के गुम्मा और रोहड़ू जूस संयंत्रों की उत्पादन क्षमता दिसंबर में बढ़ेगी। बागवानों से जूस के लिए विधायन योग्य अधिक सेब की दरकार रहेगी। बागवानों से खरीदे सेब का समय पर जूस भी तैयार किया जा सकेगा। 

अनुमान के अनुसार अभी तक 25 फीसदी विधायन योग्य सेब संयंत्र तक पहुंचने से पहले ही खराब होता रहा है। इससे सरकार को भी मंडी मध्यस्थता योजना के तहत खरीदे सेब के खराब होने से हर साल वित्तीय नुकसान होता है। बताते हैं कि गुम्मा और रोहड़ू संयंत्रों की उत्पादन क्षमता बढ़ाकर दिसंबर तक एक-एक हजार मीट्रिक टन में जूस तैयार करने की हो जाएगी। परवाणू में पिछले साल आठ सौ मीट्रिक टन जूस तैयार किया था। इसे पूरी क्षमता के साथ चलाया जाए तो यहां 12 सौ मीट्रिक टन जूस तैयार होता है।


 
गुम्मा और रोहड़ू जूस संयंत्रों में उत्पादन क्षमता बढ़ने से साथ कच्चे माल के रूप में बागवानों से विधायन योग्य सेब की ज्यादा जरूरत होगी। इन इलाकों के आसपास बागवान घरों के पास ही सेब बेच पाएंगे और सरकार सेब खरीदने के तुरंत बाद ही जूस तैयार कर पाएगी। इन संयंत्रों की उत्पादन क्षमता बढ़ने के साथ प्रत्येक संयंत्र को जूस बनाने के लिए कच्चे माल के रूप में हर रोज तीन सौ मीट्रिक टन विधायन योग्य सेब की जरूरत होगी। 


बागवान कहते हैं कि विधायन सेब का खरीद रेट बढ़े
हिमाचल प्रदेश फल एवं सब्जी उत्पादक संघ के अध्यक्ष हरीश चौहान कहते हैं कि सरकार मंडी मध्यस्थता योजना के तहत सेब खरीद के रेट में वृद्धि करके कम से कम 25 रुपये प्रति किलो करे, ताकि बागवानों की उत्पादन लागत तो पूरी हो सके। 

एचपीएमसी के प्रबंध निदेशक राजेश्वर गोयल कहते हैं कि गुम्मा और रोहड़ू संयंत्रों की क्षमता दिसंबर तक एक-एक हजार मीट्रिक टन हो जाएगी। इससे बागवानों को घरों के पास ही सेब बेचने की सुविधा मिलेगी। 

 

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक