Third Eye Today News

हिमाचल में मिथकों को तोड़ना है और 2022 में भाजपा को फिर सत्ता में लाना है-अविनाश राय खन्ना

Spread the love

भाजपा प्रभारी अविनाश राय खन्ना ने कसौली में आयोजित भाजपा हिमाचल प्रदेश की अनुसूचित जाति मोर्चे की प्रदेश कार्यसमिति को संबोधित करते हुए कहा कि डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को कांग्रेस ने भारत रतन नहीं दिया वह नहीं चाहते थे की डॉक्टर अंबेडकर को भारत रतन मिले।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने समाज को अलग करने का जो बीज डाला है उसे नष्ट करने का बड़ा प्रयास भाजपा द्वारा किया गया, 70 सालों में समाज को तोड़ने के अनेकों प्रयास हुए पर जोड़ने का प्रयास भाजपा द्वारा किया गया।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में अनुसूचित जाति वर्ग के लिए 17 विधानसभा सीटें हैं जिसमें से 13 पर भाजपा का कब्जा है और आने वाले 2022 के चुनाव में 17 की 17 सीटें भाजपा की जीत होंगी।
उन्होंने कहा की कांग्रेस ने केवल वोट बैंक आधारित राजनीति की है पर भाजपा ने ऐसा नहीं किया सामाजिक समरसता को लेकर भाजपा ने अनेकों कदम उठाए हैं।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, प्रदेश के राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ अर्लेकर एवं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप को अनुसूचित जाति वर्ग से बनाया है, भाजपा ने इस वर्ग का हमेशा मान बढ़ाया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार ने बाबा साहब की जन्मस्थली पर स्मारक बनाया, लंदन में उस भवन को भी स्मारक बनाया गया जिसमें रहकर बाबा साहब लंदन में पड़े थे
और जहां जहां बाबासाहेब रहे उन स्थलों को तीर्थ बनाया गया।
उन्होंने कहा कि हमें हिमाचल में मिथकों को तोड़ना है और 2022 में एक बार फिर भाजपा की सरकार को बनाना है और यही नहीं 2027 में भी हम भाजपा की सरकार हिमाचल प्रदेश में बनाएंगे ।
उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश की सरकार ने अनेकों जन कल्याण की योजनाएं हिमाचल प्रदेश में शुरू की है हम सम्मान के साथ सर उठाकर वोट मांगने जा सकते हैं।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक