पंजाब और उत्तराखंड में 125 से 300 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करने वाले उपभोक्ता 6.59 रुपये तथा 3.27 रुपये प्रति यूनिट दर से भुगतान करते हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह दर 2.62 रुपये है। 300 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली की खपत कर रहे पंजाब, उत्तराखंड, हरियाणा और दिल्ली के उपभोक्ता औसतन क्रमशः 7.06 रुपये, 5.90 रुपये, 5.72 रुपये तथा 6.50 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करते हैं, जबकि हिमाचल प्रदेश में यह दर केवल 3.93 रुपये प्रति यूनिट है। युक्तिकरण के बाद भी प्रदेश में पड़ोसी राज्यों की तुलना में वसूली जाने वाली बिजली की दरें कम है, यह औसतन 3.36 प्रति यूनिट है।
इसी को ध्यान में रखते हुए अब हिमाचल ने भी बिजली उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान के युक्तिकरण का निर्णय लिया है। प्रदेश सरकार प्रतिवर्ष लगभग 450 करोड़ रुपये का उपदान प्रदान किया जाता है, जिसमें से 18 प्रतिशत उपदान केवल ऐसे 11 लाख उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाता है, जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं। शेष नौ लाख ऐसे उपभोक्ताओं को प्रदान किया जाता है, जो 125 यूनिट प्रतिमाह से अधिक बिजली की खपत करते हैं। सभी उपभोक्ताओं को प्रदान किए जाने वाले उपदान के युक्तिकरण के लिए सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि ऐसे उपभोक्ता जो बिजली की कम खपत करते हैं, उनके मासिक बिलों पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। 11 लाख ऐसे उपभोक्ता जो 125 यूनिट प्रतिमाह से कम बिजली की खपत करते हैं, उनके उपदान स्वरूप को नहीं बदला गया है।ऐसे लगभग चार लाख उपभोक्ता जो 125 से 200 यूनिट प्रतिमाह बिजली की खपत करते हैं, उनके मासिक बिल 40 से 113 रुपये तक बढ़ेंगे। शेष उपभोक्ताओं को बिजली की खपत के अनुसार ही मासिक बिलों का भुगतान करना होगा।
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