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हिमाचल में बनी 28 दवाओं के सैंपल फेल, 26 फार्मा कंपनियों को नोटिस

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केद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) और राज्य दवा नियामकों की जांच में हिमाचल के 26 उद्योगों में निर्मित 28 तरह की दवाएं, इंजेकशन, मलहम व आई ड्राप्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए हैं। यह खुलासा सीडीएससीओ द्वारा जारी जनवरी माह के ड्रग अलर्ट में हुआ है। सीडीएससीओ द्वारा देर शाम जारी ड्रग अलर्ट में हिमाचल में निर्मित जिन 28 दवाओं व इंजेक्शन के सैंपल फेल हुए हैं, इनका उपयोग आंख व कान के संक्रमण, पेप्टिक अल्सर, अस्थमा, दर्द निवारक, ब्रोंकाइटिस, बुखार, निमोनिया के इलाज के लिए किया जाता है। सबस्टैंडर्ड पाई गई दवाओं व इंजेक्शन का निर्माण सोलन, कालाअंब, बद्दी, नालागढ़ बरोटीवाला, परवाणू, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस स्थित दवा निर्माण इकाइयों में हुआ है।

इसके अलावा गुजरात, तमिलनाडू, जम्मू, चैन्नई, आंध्र प्रदेश, मुंबई, मध्यप्रदेश, बंगलुरु, हैदराबाद, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, उत्तराखंड़, सिक्किम, पंजाब, बिहार, तिरवतुंपुरम स्थित दवा उद्योगों में निर्मित 117 तरह की दवाएं, इंजेकशन भी सबस्टेंडर्ड निकले है। चीन में निर्मित हेयर कलर व कंडीश्रर भी जांच में फेल हो गए हैं। स्टेट ड्रग कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि जनवरी के ड्रग अर्लट में शामिल तमाम दवाओं के बैच को बाजार से वापस लेने के निर्देश दे दिए गए हैं, जबकि कंपनियों को अपेक्षित अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए नोटिस जारी कर दिए गए हैं।

ड्रग अलर्ट में ये दवाएं

ड्रग अर्लट में शामिल प्रमुख दवाओं में सेफिक्साइम और ओ ़लॉक्सासिन टैबलेट, ओक्यूएक्स आई ड्रॉप्स, न्यूट्रीबेस्ट-प्लस, ओ ़लॉक्सासिन और ऑर्निडाज़ोल टैबलेट, रीबास्ट-एआरडी, सोलीकास्ट-एल, हायोसाइन ब्यूटाइलब्रोमाइड टैबलेट, एसीक्लोफेनाक, पैरासिटामोल और सेराटियोपेप्टिडास टैबलेट, विन्कोल्ड जेड, मेगासेक्लो एमआर और रिजडॉक्स-200 टैबलेट शामिल हैं। बलगम वाली खांसी के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले ब्रोंकोरेक्स एएम सिरप में ाी सूची में शामिल है। त्वचा संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले यूपिरोसिन ऑइंटमेंट के तीन बैच यूपिरोसिन की मात्रा के मामले में भारतीय फार्माकोपिया के यूपिरोसिन ऑइंटमेंट के विनिर्देश के अनुरूप नहीं थे। रबेप्राजोल सोडियम इंजेक्शन , सिप्रो लोक्सासिन इंजेक्शन, और से िट्रएक्सोन इंजेक्शन भी सूची में शामिल है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक