हिमाचल में तीसरी लहर को रोकने के लिए अब रेंडम आधार पर होगी लोगों की सैंपलिंग, सरकार ने की यह तैयारी
कोरोना की तीसरी लहर अगस्त के अंत तक आने की आशंका है। इससे निपटने के लिए हर संभव तैयारी की जा रही है। इसके साथ ही जरूरी है कि सभी को अपनी जिम्मेदारी का अहसास हो। नियम थोपने या दवाब से नहीं जिम्मेदारी से हराया जा सकता है। अब एक्टिव केस बढऩे लगे हैं जो चिंता का विषय है। लोग नियमों का पूरी तरह पालन नहीं कर रहे और इस कारण सख्ती करनी पड़ी है। तीसरी लहर से निपटने के लिए क्या व्यवस्था की जा रही है और दूसरी लहर में हुई मौतों को देखते हुए आगे क्या योजना है इस इस संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हिमाचल प्रदेश के मिशन निदेशक हेमराज बैरवा से जागरण संवाददाता यादवेन्द्र शर्मा ने बातचीत की। प्रस्तुत है इसके अंश।
कोरोना की तीसरी लहर की अगस्त के अंत तक आने की आशंका जताई जा रही है। इसके लिए अस्पतालों में बिस्तरों का प्रबंध और आक्सीजन प्लांट स्थापित किए जा रहे हैं। कोरोना को मात देना मुश्किल नहीं है, इसे लोगों के सहयोग से हराया जा सकता है। दबाव और कानून थोपकर नहीं। हर व्यक्ति अपनी जिम्मेदारी समझे और डर से नियमों व कानून का पालन करने की अपेक्षा जिंदगी के लिए जिम्मेदारी से पालन करे।
लोगों के देर से अस्पताल पहुंचने के कारण भी काफी मौतें हुई हैं। उम्मीद है इस बार ऐसी दिक्कतें नहीं आएंगी। इसका कारण है कि प्रदेश की 53 फीसद आबादी की वैक्सीन दे दी गई है। वैक्सीन व मास्क का सही इस्तेमाल और शारीरिक दूरी से कोरोना को हराया जा सकता है। केंद्र सरकार से वैक्सीन के उपलब्ध होते रहने पर अगस्त में ही 18 वर्ष से अधिक आयु वालों को वैक्सीन का कार्य पूरा किया जा सकता है। वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। प्रदेश में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है। अस्पतालों में बिस्तरों की भी व्यापक स्तर पर व्यवस्था की जा रही है।