हिमाचल में घट गए कोरोना के मामले, अस्पतालों में रूटीन ऑपरेशन करने के निर्देश

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हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मरीजों की संख्या कम होने लगी है। 13 मई को जो संख्या 40006 से थी, वह अब 16989 के आसपास रह गई है। इनमें से करीब 1000 मरीज अस्पतालों में उपचाराधीन हैं, जबकि करीब 85 फीसदी से ज्यादा मरीज होम आइसोलेट हैं। अस्पतालों में भी मरीजों के ठीक होने की दर बढ़ी है। इसी को मद्देनजर रखते हुए प्रदेश सरकार ने मेडिकल कॉलेजों और बड़े अस्पतालों में रूटीन के ऑपरेशन शुरू करने के निर्देश दिए हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के चलते बीते एक माह से 2000 से अधिक ऑपरेशनों को टाला गया है।

हालांकि प्रदेश में मौत के मामलों का कम न होना सरकार के लिए चिंता का विषय बना हुआ है। मरने वालों का आंकड़ा 3000 से पार हो गया है। जिला कांगड़ा में सबसे ज्यादा 900 संक्रमितों की मौत हुई है। दूसरे नंबर पर शिमला जिला है, जहां 550 मरीजों की मौत हुई है। कांगड़ा जिले में 38 दिन बाद 300 से कम 297 नए मरीज सामने आए हैं, जबकि 27 दिन बाद सबसे कम 11 मौतें हुई हैं।स्वास्थ्य विभाग की टेक्निकल कमेटी ने कोरोना से मौतों को लेकर सरकार को रिपोर्ट सौंप दी है।


इसमें कहा गया है कि शहर की अपेक्षा गांवों में कोरोना के ज्यादा मामले हैं। बीमार लोग टेस्ट कराने घरों से बाहर नहीं निकल रहे हैं। स्थिति ज्यादा खराब होने पर ही लोग अस्पताल आ रहे हैं। ऐसे में मौत का आंकड़ा बढ़ रहा है। स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी ने बताया कि प्रदेश में कोरोना के एक्टिव मामलों की संख्या में कमी आई है। गांव के बीमार लोग जो अस्पताल नहीं आ रहे हैं, उनके घरों में टेस्ट किए जा रहे हैं।

अस्पतालों में कोरोना मरीज कम होने पर सरकार ने गंभीर मरीजों के ऑपरेशन करने के साथ रूटीन पथरी, पित्त की पथरी, घुटनों के ऑपरेशन आदि करने को कहा है। डॉक्टरों को निर्देश दिए गए हैं कि वे मरीजों को ऑपरेशन की तिथियां देते रहें। अस्पतालों में अभी इमरजेंसी के ऑपरेशन ही किए जा रहे थे। स्वास्थ्य सचिव ने बताया कि प्रदेश में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को कोरोना मरीजों के उपचार में लगाया गया है, लेकिन अब मामले कम हो रहे हैं।
पिछले दस दिन में स्वस्थ हुए 16000 से ज्यादा मरीज
20 मई    33438
21 मई    31519
22 मई    28788
23 मई    25979
24 मई    24181
25 मई    23053
26 मई    22181
27 मई    20184
28 मई    18495
29 मई    16989

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक