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हिमाचल में ओलावृष्टि से तबाह सेब व नकदी फसलें

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हिमाचल प्रदेश में मई महीने की बेमौसमी बारिश और ओलावृष्टि ने किसानों और बागवानों की कमर तोड़ दी है। बीते दिनों हुई तेज़ ओलावृष्टि से जहां ऊपरी इलाकों में सेब की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है, वहीं निचले क्षेत्रों में सब्जियों और अन्य नकदी फसलों पर भी इसका सीधा असर पड़ा है।

राज्य के ठियोग विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस विधायक और एआईसीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता कुलदीप सिंह राठौर ने इस स्थिति को गंभीर बताते हुए प्रदेश सरकार से तत्काल राहत की मांग की है। उन्होंने कहा कि किसानों और बागवानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है और सरकार को इस मुश्किल समय में उनके साथ खड़े होने की ज़रूरत है।

राठौर ने कहा कि, “सरकार को चाहिए कि वह तुरंत प्रभाव से ओलावृष्टि से प्रभावित क्षेत्रों का जायजा ले और नुकसान का सही आकलन करवा कर प्रभावित किसानों-बागवानों को उचित मुआवजा दे।” उन्होंने यह भी मांग की कि जिन किसानों ने बैंक से लोन लिया है, उनके लिए लोन की किस्तों में एक वर्ष तक की राहत दी जाए।

राठौर ने मुख्यमंत्री और कृषि एवं बागवानी मंत्री से अपील की है कि वे खुद इस मुद्दे को गंभीरता से लें और संबंधित अधिकारियों को तत्काल फील्ड में भेजें। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आपात स्थिति नहीं, बल्कि जलवायु परिवर्तन का संकेत है, जिससे बार-बार प्राकृतिक आपदाएं आ रही हैं। ऐसे में सरकार को दीर्घकालिक नीतियों पर भी काम करना चाहिए, जिससे भविष्य में किसानों को इस तरह के नुकसान से बचाया जा सके।

 

प्रदेश के कई हिस्सों से सेब की फसल झड़ने, पत्तियों के झुलसने और फलों के झुलसने की रिपोर्टें आ रही हैं। बागवानों का कहना है कि वे पहले ही महंगे कीटनाशक और खाद की मार झेल रहे थे, अब ओलावृष्टि ने उनकी रही-सही उम्मीद भी खत्म कर दी है।

 स्थानीय किसान सुरेश वर्मा का कहना है कि, “इस बार हमारी पूरी मेहनत पर पानी फिर गया। अब सरकार ही कुछ राहत दे तो परिवार का गुज़ारा हो पाएगा।” अब देखना होगा कि प्रदेश सरकार इस प्राकृतिक आपदा से प्रभावित किसानों-बागवानों के लिए क्या राहत कदम उठाती है।

Vishal Verma

20 वर्षों के अनुभव के बाद एक सपना अपना नाम अपना काम । कभी पीटीसी चैनल से शुरू किया काम, मोबाईल से text message के जरिये खबर भेजना उसके बाद प्रिंट मीडिया में काम करना। कभी उतार-चड़ाव के दौर फिर खबरें अभी तक तो कभी सूर्या चैनल के साथ काम करना। अभी भी उसके लिए काम करना लेकिन अपने साथियों के साथ third eye today की शुरुआत जिसमें जो सही लगे वो लिखना कोई दवाब नहीं जो सही वो दर्शकों तक